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सेना के तीनों अंग पूरी ताकत और संसाधनों से कोरोना के कहर से मुकाबले में जुटे: राजनाथ

रक्षा मंत्रालय के त्वरित फैसलों ने सेना के कोरोना आपरेशन को दी गति। रक्षा मंत्री ने कहा कि महामारी के खिलाफ सेनाओं की क्षमता और भरोसे को देखते हुए ही उन्होंने तत्काल आपात वित्तीय अधिकार देने का आदेश दिया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:51 PM (IST)
सेना के तीनों अंग पूरी ताकत और संसाधनों से कोरोना के कहर से मुकाबले में जुटे: राजनाथ
सेना के तीनों अंग पूरी ताकत और संसाधनों से कोरोना के कहर से मुकाबले में जुटे: राजनाथ

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना की दूसरी लहर के प्रचंड कहर से मुकाबले में सरकार की तमाम एजेंसियों के साथ तीनों सेनाओं ने अपने संसाधनों और रक्षा मंत्रालय के त्वरित फैसलों के जरिये मरीजों को आपात सहायता की गति बढ़ा दी है। बीते दो-तीन हफ्तों में रक्षा मंत्रालय के तेजी से लिए फैसलों के अनुरूप थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने आक्सीजन सप्लाई बढ़ाने, विशेष कोरोना अस्पताल बनाने, सैन्य चिकित्साकर्मियों को मैदान में उतारने से लेकर विदेश से आक्सीजन टैंकर लाने के लिए अपने विमानों और नौसैनिक पोतों को तैनात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रक्षा मंत्रालय के इन त्वरित रिस्पांस की चर्चा करते हुए कहा कि सेना के तीनों अंग पूरी ताकत और संसाधनों से कोरोना के कहर से मुकाबले में जुटे हैं।

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रक्षा मंत्री ने कहा कि महामारी के खिलाफ सेनाओं की क्षमता और भरोसे को देखते हुए ही उन्होंने तत्काल आपात वित्तीय अधिकार देने का आदेश दिया ताकि थलसेना, नौसेना और वायुसेना के स्थानीय कमान स्तर को कोरोना चिकित्सा से जुड़े उपकरणों और संसाधनों के साथ प्रबंधन के लिए वित्तीय दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और अस्पतालों में बेड की कमी को देखते हुए सेना की मेडिकल कोर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सरकारी उपक्रमों की मदद से दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, पटना और बेंगलुरु में विशेष कोरोना अस्पताल बनाए हैं। इसी तरह सैन्य अस्पतालों में 750 बेड आम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। जबकि आ‌र्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) ने देशभर के अपने 19 अस्पतालों में 4,000 बेड व 585 आइसीयू यूनिट उपलब्ध कराए हैं।

दिल्ली में सेना के बेस अस्पताल को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है जहां बेड की तादाद 400 से बढ़ाकर 1,000 कर दी गई है। रक्षा मंत्री के अनुसार, लखनऊ और दिल्ली के डीआरडीओ के कोरोना अस्पताल में 500 बेड हैं वहीं अहमदाबाद में बनाए गए अस्पताल में 900 बेड हैं। पटना के ईएसआइसी अस्पताल को 500 बेड के कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। राजनाथ ने कहा कि मुजफ्फरपुर और वाराणसी में डीआरडीओ कोरोना अस्पतालों का तेजी से निर्माण कर रहा है। वहीं, एएफएमएस ने चिकित्साकर्मियों और डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए अपने अस्पतालों में इनकी अतिरिक्त तैनाती की है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने सेना के सेवानिवृत्त चिकित्साकर्मियों को नियुक्त करने का फैसला लिया था। एएफएमएस ने अपने अस्पतालों में 238 अतिरिक्त डाक्टरों की इस साल दिसंबर तक के लिए संख्या बढ़ा दी है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश आदि राज्यों के सैन्य अस्पतालों में कोरोना संक्रमित आम नागरिकों को सैन्य अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जा रही है।

सेना ने आपातस्थिति में आक्सीजन टैंकरों को पहुंचाने के लिए 200 ड्राइवरों को पटियाला में स्टैंडबाई पर रखा है। वहीं, वायुसेना के विमान बुधवार तक विदेश से 50 उड़ानों के जरिये 61 क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर ला चुके हैं तो देश में 344 उड़ानों के जरिये 230 आक्सीजन कंटेनर और 4,527 मीट्रिक टन आक्सीजन जरूरत की जगहों पर पहुंचा चुके हैं। नौसेना के सात पोत विदेश से आक्सीजन ढुलाई में जुटे हैं। डीआरडीओ पीएम-केयर्स से लगाए जा रहे 500 आक्सीजन प्लांट लगवाने के काम में जुट गया है।


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