DEFCOM 2019: सूचना और संचार तंत्र पर तीनों भारतीय सेनाएं करेंगी मंथन
इस वर्ष हो रहे DEFCOM 2019 का विषय कम्युनिकेशन ऐज ए डिसाइसिव कैटालिस्ट फॉर ज्वॉइंटनेस रखा गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भविष्य में होने वाले आधुनिक युद्धों मे तीनों सेनाओं के बीच साझा संचार प्रणाली की जरूरतों को पूरा करने और युद्ध में सेनाओं के बीच संचार समन्वय विकसित करने के इरादे से रक्षा मंत्रालय जल्द ही राजधानी दिल्ली में सूचना और संचार तंत्र से जुड़ी एक गोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है। जिसमें युद्ध के दौरान मिलने वाली चुनौतियों और सेनाओं के बीच तालमेल पर विचार मंथन किया जाएगा।
कोर ऑफ सिग्नल और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित डेफकॉम गोष्ठी भारतीय सुरक्षा बलों, अकादमिक जगत, अनुसंधान एवं विकास संगठनों तथा उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करने जा रही है। इसका उद्देश्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के विभिन्न पक्षों को सामने लाना और आपसी सहयोग करना है।
बेहतर जाइंट कम्युनिकेशन फ्रेमवर्क बनाने पर चर्चा
इस वर्ष हो रहे डेफकॉम 2019 का विषय 'कम्युनिकेशन ऐज ए डिसाइसिव कैटालिस्ट फॉर ज्वॉइंटनेस' रखा गया है। कन्वेंशन में तीनों सेनाओं के लिए आंतरिक संचार के लिए एक बेहतर जाइंट कम्युनिकेशन फ्रेमवर्क बनाने पर भी चर्चा होगी। जिससे समय समय पर तीनों सेना आपस में एक सुरक्षित और प्रभावशाली संचार तंत्र का विकास कर सकेगी। कार्यक्रम में संचार की नई तकनीक की प्रदर्शनी भी दिखाई दे सकती है।
सूचना एवं संचार तकनीक की निर्णायक भूमिका
रक्षा क्षेत्र से जुड़े जानकार मानते है कि आधुनिक समय में होने वाले युद्धों में सूचना एवं संचार तकनीक ही निर्णायक भूमिका में रहेंगी। सशस्त्र सेनाएं भविष्य में तभी मजबूत होकर उभर सकेंगी जब वे सूचना पर अपना वर्चस्व बना कर रखे पाएंगी। युद्ध कलाओं में होते नित नए परिवर्तन के कारण प्रतिक्रिया का समय कम होता जा रहा है। इसके लिए यह जरूरी है कि सेनाएं अपनी संचार प्रणाली में लगातार सुधार की कोशिश जारी रखें। सेना को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उद्योग जगत की क्षमताओं का पूरा उपयोग करना होगा
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