केरल के बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए सभी उपायों का होगा इस्तेमाल- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने पर जोर दिया और कहा कि इन्हें जल्द से जल्द निकालने का इंतजाम किया जा रहा है। बैठक में कहा गया कि 18 अक्टूबर से कालेजों को खोला जाना था लेकिन अब यह 20 अक्टूबर को खुलेगा।
तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल में आए बाढ़ के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनाराइ विजयन ( Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने पर जोर दिया और कहा कि इन्हें जल्द से जल्द निकालने का इंतजाम किया जा रहा है। बैठक में कहा गया कि 18 अक्टूबर से कालेजों को खोला जाना था लेकिन अब यह 20 अक्टूबर को खुलेगा। इसके अलावा सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि 19 अक्टूबर तक वे यहां न आए। मुख्यमंत्री विजयन ने राज्य की मौजूदा स्थिति को गंभीर बताया है।
प्रशासन ने बचाव के इंतजाम किए हैं और फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया है। प्रशासन के दावे के विपरीत कई इलाकों में बचाव दल और राहत सामग्री न पहुंचने की खबर है। अधिकारियों के अनुसार सेना, वायुसेना और नौसेना के बचाव दल कोट्टयम और इडुक्की के ग्रामीण इलाकों के लिए रवाना हो चुके हैं। जल्द ही प्रभावित लोगों को राहत मिल जाएगी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 11 टीमों को भी प्रभावित इलाकों के लिए रवाना कर दिया गया है।
बता दें कि बारिश से प्रदेश के मध्य और दक्षिणी भागों में आई बाढ़ से पैदा स्थितियों से निपटने के लिए केरल सरकार की मांग पर सुरक्षा बल प्रभावित इलाकों में पहुंच गए हैं। केरल में शनिवार को हुई भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में पांच से अधिक लोगों के मारे जाने और दर्जन भर लोगों के लापता होने की खबर है। निचले इलाकों में रहने वाले सैकड़ों लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।
राज्य के दक्षिणी इलाके में कई जिलों में बने बांध पूरे भरने के करीब हैं। निर्धारित क्षमता से ज्यादा पानी होने पर उनके द्वार खोलने पड़ सकते हैं। इससे स्थिति और खराब होने की आशंका है। राज्य सरकार ने बड़े इलाके में बाढ़ की आशंका को भांपते हुए सुरक्षा बलों की मदद मांगी है। राज्य में ऐसे कई पहाड़ी इलाके हैं जहां पर बाढ़ आने पर उनका जमीनी संपर्क बाकी दुनिया से कट जाएगा। कोट्टयम, इडुक्की और पाथनमथिट्टा जिलों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इडुक्की में सर्वाधिक 24 सेंटीमीटर वर्षा हुई है।