असम: 5 लोगों की हत्या के विरोध बवाल, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन
ऑल असम बंगाली यूथ स्टूडेंट फेडरेशन ने आतंकी हमले में मारे गए 5 लोगों की हत्या के विरोध में जिले में 12 घंटों का बंद बुलाया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। असम के तिनसुकिया में ऑल असम बंगाली यूथ स्टूडेंट फेडरेशन ने आतंकी हमले में मारे गए 5 लोगों की हत्या के विरोध में जिले में 12 घंटों का बंद बुलाया है। बंद के दौरान जिले में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध में महिलाएं भी सड़कों पर उतर आई हैं। प्रदर्शन को देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। महिलाओं ने ढोल-तिनसुकिया राजमार्ग को ब्लॉक कर दिया है और विरोध में टायर जलाए।
बता दें कि असम के तिनसुकिया जिले स्थित खेरोनी गांव में गुरुवार की रात एक ही परिवार के तीन सदस्यों समेत पांच लोगों की हत्या कर दी गई, जबकि दो घायल हो गए। असम की आग बंगाल तक पहुंच गई है। इस हत्या के विरोध में आज उत्तरी और दक्षिणी बंगाल के अलावा सिलिगुड़ी के कुछ हिस्सों में टीएमसी विरोध प्रदर्शन कर रही है।
पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों के साथ रात करीब आठ बजे हमलावर गांव में ढोला-सादिया पुल के पास पहुंचे और आवाज देकर पांच-छह लोगों को घरों से बुला लिया। उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग की और अंधेरे का फायदा उठाते हुए फरार हो गए। पुलिस को शक है कि उग्रवादी उल्फा (इंडीपेंडेंट) से जुड़े हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घटना की निंदा करते हुए कहा, 'अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। ऐसी कायराना हरकत बर्दाश्त नहीं।' मुख्यमंत्री ने मंत्री केशव महंता और तपन गोगोई तथा डीजीपी कुलधर सैकिया को मौके पर भेजा है। उन्होंने लोगों से शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने को कहा है।
ममता ने NRC से जोड़ा, TMC ने बुलाया बंद
वहीं ममता बनर्जी ने इसे राजनीतिक रंग देते हुए हत्याओं के लिए एनआरसी को जिम्मेदार ठहरा दिया है। खबरों के अनुसार ममता ने ट्वीट कर हत्याओं पर दुख जताते हुए लिखा कि हम इस हत्याकांड की कड़ी निंदा करते हैं। क्या यह एनआरसी का नतीजा है? दुख से घिरे परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताने के लिए हमारे पास शब्द नहीं है। इसके जिम्मेदारों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। टीएमसी ने इस मुद्दे को लेकर आज 12 घंटे का असम बंद बुलाया है। इसको सफल बनाने के लिए टीएमसी कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर उतर आए।