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अलीगढ़ पुलिस को है शक : मुठभेड़ में मारे गए मुसलमान बंग्लादेशी या रोहिंग्या तो नहीं

दंपती प तीन साधुओं की हत्याओं में आरोपित जीजा व साले के मुठभेड़ में हरदुआगंज के माछुआ नहर पर मारे जाने के बाद पुलिस उनके साथियों के कनैक्शनों को खंगालने में जुटी हुई है।

By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 06:00 PM (IST)
अलीगढ़ पुलिस को है शक : मुठभेड़ में मारे गए मुसलमान बंग्लादेशी या रोहिंग्या तो नहीं
अलीगढ़ पुलिस को है शक : मुठभेड़ में मारे गए मुसलमान बंग्लादेशी या रोहिंग्या तो नहीं

अलीगढ़ (जेएनएन)। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के रिश्तेदार दंपती प तीन साधुओं की हत्याओं में आरोपित जीजा व साले के मुठभेड़ में हरदुआगंज के माछुआ नहर पर मारे जाने के बाद पुलिस उनके असली नाम, पते व उनके साथियों के कनैक्शनों को खंगालने में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच में बदमाशों के कब्जे से मिले आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। अभी तक उनका बिहार कनैक्शन सामने आ रहा था, लेकिन पूछताछ के बाद उनका पश्चिम बंगाल के पुरूलिया में फैमली कनैक्शन सामने आया है। पुलिस को शक है कि मुठभेड़ में मारे गए बंग्लादेशी या रोहिंग्या तो नहीं है। जिसके बाद पुलिस टीमों को पुष्टि के लिए भेजा गया है। इसके बाद ही पूरे मामले में स्थिति साफ हो सकेगी।

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एसएसपी ने परिजनों से की पूछताछ
एसएसपी अजय कुमार साहनी अपनी टीम के साथ इस पूरे प्रकरण की तह तक जाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। इस क्रम में एसएसपी शनिवार को टीम के साथ अतरौली पहुंचे। जहां उन्होंने मुठभेड़ में मारे गए आरोपित मुस्तकीम की मां शायना, दादी रफीकन, पत्नी हिना व नौसाद की मां शबनम से अलग-अलग पूछताछ की। इस दौरान महिलाएं सिवाए अपने नाम के अपना सही पता नहीं बता सकीं।

बयानों को बदल रही हैं महिलाएं
बकौल एसएसपी, पूछताछ में महिलाएं अपने बयानों को बार-बार बदल रही हैं। उन्होंने पहले खुद को बिहार का फिर बिहार व पश्चिम बंगाल के पुरूलिया का रहने वाला बताया है। जिसके आधार पर उनके नाम, पते की पुष्टि करने के लिए एक टीम वहां भेजी गई है।

जांच में फर्जी मिले आधार कार्ड
एसएसपी ने बताया कि बदमाशों के पास से मिले आधार कार्ड जांच में फर्जी पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि छर्रा की वोटर लिस्ट में नाम व आधार कार्ड किस आधार पर जारी किए गए हैं, इसकी गहनता से जांच पड़ताल कराई जा रही है। जो भी इसमे दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

अंगूठा निशानी से की जा रही है जांच
एसएसपी ने बताया कि आधार कार्ड पर मिले (थिम्ब इंप्रेशन) अंगूठा निशानी के आधार पर बदमाशों के असली पते, ठिकाने की पुष्टि के लिए उनका वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। बदमाशों की आस-पास के जिलों में भी क्राइम हिस्ट्री खंगाली जा रही है। अभी तक अलीगढ़, बुलंदशहर,बागपत व शामली जनपदों में उनकी क्राइम हिस्ट्री मिली है। शामली में उन्होंने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। अन्य जनपदों में उनका आपराधिक रिकार्ड तलाशा जा रहा है।

परिजनों के दर्ज किए बयान
पुलिस मुठभेड़ में बदमाशों पर दर्ज हुए जानलेवा हमले के मामले की विवेचना एसओ मडराक मृदुल कुमार सिंह को सौंपी गई है। जिन्होंने मामले में आरोपित मुस्तकीम की मां शायना, दादी रफीकन, पत्नी हिना व नौसाद की मां शबनम से उनके घर पर जाकर पूछताछ की। इस दौरान वहां काफी भीड़ एकत्रित हो गई तो परिजनों के आग्रह पर उन्हें थाना अतरौली में ले जाकर उनके बयान दर्ज किए गए।

पश्चिम बंगाल के हैं मारे गए बदमाशों के परिजन
एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों के स्थानीय नाम, पतों की पुष्टि कराई गई है। लेकिन उनका छर्रा में रहने के ठिकाने की पुष्टि नहीं हुई है। इसी तरह फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाए जाने की बात सामने आयी है। बदमाशों के परिजनों ने पूछताछ में खुद को पश्चिम बंगाल के पुरूलिया का रहने वाला बताया है। इसकी विस्तृत जांच कराई जा रही है। बदमाश जिन जेलों में बंद रहे हैं वहां से भी उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।

मुठभेड़ की होगी मजिस्ट्रियल जांच
हरदुआगंज मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच होगी। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने बतया कि पारदर्शिता के लिए जांच आवश्यक है, इसलिए यह आदेश दिए गए हैं।

25 हजार की मिलेगी मदद
बदमाशों के हाथों मारे गए राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के रिश्तेदार दंपती व एक साधु के परिजनों को प्रशासन आर्थिक मदद देगा। डीएम ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। एक व्यक्ति के परिजनों को 25 हजार की मदद मिलेगी। डीएम ने तहसीलदार कोल गौतम सिंह को मदद देने की जिम्मेदारी दी है। रविवार को वे पीडि़त परिवारों को मदद के चेक देंगे।


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