ब्रेथ एनालाइजर उपकरण ‘अल्कोलॉक्स’ रखेगा नजर, शराब पी तो स्टार्ट नहीं होगा वाहन
Breath Analyzer for Alcolocks and Screening Devices ब्रिटेन में शराब पीकर वाहन चलाने के चलते होने वाली घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष तरीका अपनाने की योजना है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Breath Analyzer for Alcolocks and Screening Devices दुनिया में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की एक बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है। ब्रिटेन में शराब पीकर वाहन चलाने के चलते होने वाली घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष तरीका अपनाने की योजना है। ऐसे मामलों में दोषी पाए गए लोगों की कारों में ब्रेथ एनालाइजर उपकरण ‘अल्कोलॉक्स’ लगाया जाएगा। यह ऐसा उपकरण है, जिसे वाहन में लगाने के बाद यदि ड्राइवर ने शराब पी रखी है तो वाहन चालू ही नहीं होगा।
परंपरागत ब्रेथ एनालाइजर की तरह: अल्कोलॉक्स को औपचारिक रूप से अल्कोहल इग्निशिन इंटरलॉक्स के नाम से जाना जाता है। यह परंपरागत ब्रेथ एनालाइजर की तरह ही काम करता है। यदि वाहन चालक में शराब की पुष्टि होती है तो सिस्टम 24 घंटे तक वाहन के इंजन को लॉक कर सकता है। वहीं निर्धारित सीमा से अधिक होने पर वाहन तब तक स्टार्ट नहीं होगा, जब तक की अगली बार शराब की सीमा कम नहीं आती है।
कार स्टार्ट करने से पूर्व ब्रेथ टेस्ट: शराब पीकर दुर्घटना के दोषी कार चालकों की कारों में यह उपकरण लगाया जाएगा। उन्हें कार स्टार्ट करने से पूर्व ब्रेथ टेस्ट देना होगा। ब्रिटेन की सड़कों पर शराब पीकर वाहन चलाने और दुर्घटना करने के मामलों में 3 फीसद की बढोतरी हुई है। जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
तीन चरणों में ऐसे करेगा काम:
ब्रेथ टेस्ट: कार चालक को कार में बैठने के बाद अल्कोलॉक में फूंक मारनी होगी, इसके जरिये अल्कोहल के स्तर की जांच की जाएगी।
विश्लेषण: अल्कोहल को मापने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन को शुरू किया जा सकता है या नहीं।
परिणाम: यदि अल्कोहल का स्तर निर्धारित सीमा के नीचे है तो वाहन स्टार्ट हो जाएगा। अन्यथा कार चालक को बाद में यह परीक्षण फिर से करना होगा।