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विशेष इंटरव्‍यू: विपक्षी तो कहते रहेंगे, हम आगे बढ़ते रहेंगे: अखिलेश यादव

दैनिक जागरण से हुए एक इंटरव्‍यू में उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कई सवालों के बड़ी ही बेबाकी से जवाब दिए। उन्‍होंने कहा सरकार जनता के हितों को ध्‍यान में रखकर फैसले लेती है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 03:18 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 06:52 PM (IST)
विशेष इंटरव्‍यू: विपक्षी तो कहते रहेंगे, हम आगे बढ़ते रहेंगे: अखिलेश यादव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास 5, कालीदास मार्ग पर रविवार होने की वजह से गहमा-गहमी थोड़ी कम है। वह बीते तीन वर्षों की तुलना में अब ज्यादा परिपक्व नजर आते हैं। इस सवाल को सिरे से नकार देते हैं कि उत्तर प्रदेश में उनके कामकाज में बहुत ज्यादा हस्तक्षेप किया जाता है। उत्तर प्रदेश में उनके चाचाओं और नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव का कामकाज में हस्तक्षेप होता है। वह दो टूक कहते हैं कि सरकार के फैसले प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं, संगठन का काम संगठन के मुखिया देखते हैं।

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान पर कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की लड़ाई सपा से होगी, को वह सिरे से खारिज करते हैं। मुस्कुरा कर कहते हैं कि भाजपा या बसपा कहीं मैदान में ही नहीं होंगी क्योंकि जनता जान चुकी है कि प्रदेश का विकास केवल सपा ही करा सकती है। कथित तीसरे मोर्चे के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि इस बाबत कोई भी फैसला नेताजी को करना है। विपक्ष के मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप पर अखिलेश अपने शालीन स्वभाव के विपरीत थोड़ा भड़कते हैं। कहते हैं कि सरकार अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक को नजर में रखकर काम नहीं करती, उसके लिए जनता का हित सर्वोपरि है।

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उनका कहना था कि क्या अयोध्या और चित्रकूट में सरकार जो सत्संग स्थल बनवा रही है वे विरोधियों को नजर नहीं आते। हर महीने तीर्थाटन के लिए सरकार द्वारा चलाई गई ट्रेन भी विरोधियों को नहीं नजर आती। देवधर, जैन समुदाय के रणछोड़दास मंदिर का सौंदर्यीकरण विरोधियों से छिपाकर तो नहीं किया जा रहा। काशी में वरुणा, मथुरा में यमुना और लखनऊ में गोमती के रिवर फ्रंट पर काम चल रहा है। किछोछर शरीफ समेत प्रदेश में हर समुदाय के धार्मिक स्थलों पर चौबीस घंटे बिजली की आपूर्ति जारी है। विपक्ष के पास जब कोई मुद्दा नहीं होता तो वह तुष्टीकरण का राग अलापता है। हमारी सरकार की सोच समाजवादी है और नीतियां सेक्युलर हैं। हमें अपनी सोच से कोई भी आरोप टस से मस नहीं कर सकता।

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संभवत: यही वजह है कि उनकी सरकार और संगठन की आलोचना भले ही होती हो लेकिन अखिलेश यादव की छवि पर एंटी-इन्कम्बेंसी का कोई असर नजर नहीं आता। वह प्रदेश में कानून, व्यवस्था खराब होने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकारते हैं। हंसकर कहते हैं कि विपक्ष का काम केवल आलोचना का है। प्रदेश में हुआ विकास उसे नजर नहीं आता। दैनिक जागरण के तालाब संरक्षण के देशव्यापी अभियान की वह सराहना करते हैं। कहते हैं कि हमने जागरण को देखने के बाद ही बुंदेलखंड में तालाबों की खोदाई चालू कराई है। अब मैं बाकायदा मोबाइल से हर दिन की रिपोर्ट ले रहा हूं। इस योजना में अगर कोई कोताही बरती गई तो संबंधित व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से दैनिक जागरण के वरिष्ठ

कार्यकारी संपादक प्रशांत मिश्र ने कई विषयों पर बातचीत की। उसके कुछ अंश:


आपको जनता ने पांच साल दिए, आप अपने कामकाज से कितने संतुष्ट हैं?

-चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र पर भरोसा करते हुए जनता ने हमें पूर्ण बहुमत दे कर राज्य के विकास का मौका प्रदान किया। समाजवादी सरकार ने जनता के भरोसे को कायम रखते हुए सभी वादों को पूरा करने का काम किया है। इसके साथ ही क्षेत्र एवं समय की जरूरत को देखते हुए ऐसी परियोजनाओं
को भी पूरी गम्भीरता से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, जो घोषणापत्र में शामिल नहीं हैं। इनमें भारी पूंजीगत परियोजनाएं- लखनऊ मेट्रो रेल, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एवं समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी शामिल हैं।

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इस प्रकार पिछले चार साल में समाजवादी सरकार ने जिस पैमाने पर प्रदेश के विकास के लिए काम किया है, किसी अन्य राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया। स्वाभाविक रूप से मैं पूरी तरह संतुष्ट होने के साथ-साथ आश्वस्त भी हूं कि जनता सरकार के काम को देखते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को पुन:

मौका प्रदान करेगी।

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एक अच्छी बात बताई जा रही है, वह यह कि आपकी सरकार के खिलाफ तो एंटी इन्कम्बेंसी है, लेकिन मुख्यमंत्री के खिलाफ माहौल नहीं। ऐसा आपने क्या किया, जिससे यह छवि बनी ?

- समाजवादी हमेशा टीम भावना से काम करने में विश्वास करते हैं। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि राज्य सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी है, जबकि मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं। सच्चाई तो यह है कि समाजवादी सरकार के प्रति प्रदेश की जनता का सकारात्मक एवं सहयोगात्मक रुख न केवल बरकरार है, बल्कि और मजबूत हुआ है, क्योंकि सरकार ने बिना किसी भेदभाव के सभी क्षेत्रों एवं वर्गों के विकास के लिए काम किया है।

कहते हैं कि पार्टी हमेशा व्यक्ति से बड़ी होती है। ऐसे में जब आपके उम्मीदवार मैदान में होंगे तो वे अखिलेश के नाम के साथ चुनाव लड़ेंगे या सपा के नाम से?

- किसी भी राजनैतिक पार्टी के विकास एवं सत्ता के सफर में उसके जमीनी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। सपा भी ऐसा ही राजनैतिक दल है, जिसके विकास की गाथा कार्यकर्ताओं का उल्लेख किए बिना पूरा नहीं हो सकती। वर्तमान सरकार को सत्ता तक लाने में इन्हीं जमीनी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का योगदान रहा है। ऐसे में किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर चुनाव लडऩे के बजाय एक बार फिर
हमारी पार्टी समाजवादी सिद्धान्तों, वर्तमान सरकार की उपलब्धियों एवं कार्यकर्ताओं के बल पर, आदरणीय नेताजी के मार्गदर्शन में चुनाव लड़ेगी और पुन: सत्ता में आएगी।

पूर्वांचल और बुंदेलखंड में बसपा मजबूत मानी जाती है जबकि लोकसभा चुनाव में भाजपा पूरे प्रदेश में हावी रही। ऐसे में इन दलों के लिए आपकी क्या अलग-अलग रणनीति है?

- देखिये, रणनीति का खुलासा तो ऐसे नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रत्येक राजनैतिक दल अपनी क्षमता, जरूरत एवं परिस्थितियों के अनुसार रणनीति बनाता है। एक बात स्पष्ट है कि सपा का किसी क्षेत्र में, किसी भी पार्टी से कोई मुकाबला नहीं है। हम प्रदेश के सभी क्षेत्रों व वर्गों के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में हमारी स्वीकार्यता का मुकाबला अन्य पार्टियों से कतई नहीं किया जा सकता। हां यह सही है कि पार्लियामेंट चुनाव में जनता को झूठे सपने दिखाकर प्रभावित अवश्य किया गया, जो अब राज्य की जनता अच्छी तरह समझ गई है।

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आप किसे अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मान रहे हैं? बसपा या भाजपा को?

- सपा किसी भी दल को प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती, क्योंकि जनता ने उन सभी दलों को परख लिया है, जो आगामी चुनाव के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। बसपा की तत्कालीन राज्य सरकार के कारनामे जनता आज भी भुगत रही है। तब यहां का विकास बिल्कुल ठप हो गया था। यदि तत्कालीन बसपा सरकार ने विकास किया होता तो आज प्रदेश बहुत आगे निकल गया होता। राज्य सरकार केवल पत्थर की मूर्तियां लगवाने में ही व्यस्त रही और उसमें भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया। जहां तक भाजपा की केंद्र सरकार की बात है तो उसे भी प्रदेश की जनता समझ चुकी है। प्रदेश ने भाजपा को सर्वाधिक 72 सांसद दिए, लेकिन केंद्र ने प्रदेश के लिए अभी तक क्या किया, यह सभी को पता है। जहां तक चुनावी संभावनाओं की बात है तो उसके बारे में मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सपा की नीतियों और राज्य सरकार की उपलब्धियों पर जनता फिर हमारी पार्टी को ही सरकार बनाने का मौका देगी।

हम लगातार पढ़ रहे हैं कि आपके काल में प्रदेश में हर क्षेत्र का विकास हुआ, लेकिन कानून-व्यवस्था को छोड़कर?

- कानून-व्यवस्था को लेकर अनावश्यक अंगुली उठाने वालों को यह समझना चाहिए कि इस क्षेत्र में भी हम आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिससे जरूरत पडऩे पर पुलिस 10 से 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच जाए। शीघ्र ही राज्य सरकार डायल-100 सेवा शुरू करने जा रही है, तब आपको प्रदेश की कानून-व्यवस्था और भी चाक-चौबंद दिखाई देगी। जहां तक विकास की बात है तो पिछले चार वर्षों में योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए विकास योजनाओं को संचालित करने का काम किया गया। पहली बार राज्य सरकार ने सेक्टर वार नीतियां बनाकर उन्हें लागू करने का काम किया, जिससे निवेशकों के समक्ष कोई आशंका
एवं दुविधा न हो।

सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा आदि सभी क्षेत्रों में काम किया है। इसके साथ ही गरीबों के आत्म-सम्मान के लिए भी कई कल्याणकारी कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। देश की सबसे बड़ी समाजवादी पेंशन योजना से अभी तक 45 लाख गरीब परिवारों को फायदा मिल रहा था। इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाकर 55 लाख कर दिया है। इसी प्रकार करीब 17 लाख छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप वितरित करके उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का काम किया गया।

महिलाओं में आत्म-सम्मान जगाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष की स्थापना की गई। 1090 विमेन पावर लाइन की सफलता के संबंध में अब प्रदेश के सभी लोगों को जानकारी मिल चुकी है। सरकार की इस व्यवस्था से लाखों छात्राओं एवं महिलाओं को सम्मान के साथ रहने का अवसर प्रदान किया गया। कौशल विकास मिशन के माध्यम से नौजवानों को रोजगारपरक ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। विगत चार वर्षों में राज्य सरकार ने इतने अधिक फैसले लिए हैं, जिनको यहां गिना पाना संभव नहीं है। लेकिन हमारे इन प्रयासों से प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढऩा शुरू कर चुका है।

प्रदेश में शिक्षकों और पुलिस की काफी जगह खाली है। क्या उसे चुनाव के बाद भरा जाएगा?

- समाजवादी सरकार ने बड़े पैमाने पर नौजवानों को सरकारी विभागों में नौकरी देने का काम किया है। यह जरूर है कि विघ्नसंतोषी लोग सरकार के प्रयास में तरह-तरह से अड़ंगा लगाने का प्रयास करते रहे हैं। हमने शिक्षा व्यवस्था सुधारने के साथ-साथ वर्षों से पूरी निष्ठा एवं मेहनत से काम कर रहे शिक्षामित्रों को स्थायी तौर पर समायोजित करने का काम किया। इसी प्रकार पुलिस में कार्य बल की कमी को देखते हुए कई कदम उठाए गए।
पुलिस में बड़े पैमाने पर आरक्षियों की भर्ती की जा चुकी है। इसके साथ ही अतिरिक्त आरक्षियों की भर्ती का काम चल रहा है। तमाम दूसरे विभागों में भी भर्तियां की गर्इं। भर्ती प्रक्रिया को सुगम और सुचारू बनाने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग गठित किया गया।

आरोप है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए तो आपने बहुत कुछ किया, लेकिन पूर्वांचल को भूल गए। उनके लिए कुछ नहीं किया। मिलें बंद हैं?

- यह आरोप सही नहीं है। पूरे प्रदेश के किसान मानते हैं कि गांव व किसानी के लिए जितने काम समाजवादी सरकार ने किए , उतने किसी ने नहीं किए गए। पिछले वित्त वर्ष को किसान वर्ष घोषित किया गया था, ताकि किसानों की समस्याओं पर बेहतर ढंग से फोकस किया जा सके। प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष को भी किसान वर्ष घोषित किया गया है। हमने किसानों की सबसे बड़ी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकारी संसाधनों
से मुμत सिंचाई की व्यवस्था की। भूमि विकास बैंकों से लोन लेने वाले किसानों को कर्जों पर ब्याज माफ किया तथा उर्वरक, बीज आदि की बेहतर व्यवस्था की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में आय के अतिरिक्त साधन बनाने को कामधेनु डेयरी परियोजना को और व्यावहारिक बनाते हुए उसका विस्तार किया।

दैवीय आपदा से प्रभावित फसलों पर मुआवजा राशि बढ़ाई गई। किसानों की असमय मृत्यु पर उनके परिजनों को पांच लाख रुपये तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। हमारी सरकार ने बंद पड़ी सहकारी चीनी मिलों को पुन: शुरू कराने का काम किया। चीनी मिलों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए को-जनरेशन नीति लागू करने का काम किया।पूर्वांचल के आजमगढ़ जनपद में सठियांव की नई सहकारी चीनी मिल रिकॉर्ड अवधि में तैयार कराई गई।

राज्य सरकार द्वारा बनाए जा रहे एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करना भी जरूरी है। यह निर्विवाद है कि आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बन जाने से प्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी। समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बन जाने से सुदूर पूर्वांचल के किसान को भी अपनी उपज देश के सबसे बड़े बाजार तक तेजी से पहुंचाने का मौका मिलेगा। इससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा।

अल्पसंख्यक वर्ग सपा के साथ जुड़ा रहा है। कहा जा रहा है कि मुजफ्फरनगर की घटना के बाद उसका मोहभंग हो गया है। आप क्या कहेंगे?

- यह बात सही नहीं है कि मुजफ्फरनगर की घटना से अल्पसंख्यक वर्ग का हमारी पार्टी से मोहभंग हो गया। यह विरोधियों द्वारा फैलाई जा रही अफवाह है। वस्तुत: सपा किसी धर्म या जाति विशेष के लिए काम करने में विश्वास नहीं रखती, लेकिन हम यह जरूर चाहते हैं कि विकास की दौड़ में जो लोग पिछड़ रहे हैं, उन्हें सहारा देकर
आगे चलने वालों के बराबर ले आया जाए। जहां तक मुजफ्फरनगर की घटना की बात है तो निश्चित रूप से यह घटना दुखद थी। कुछ राजनैतिक दल समाज में विद्वेष पैदा कर ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं, जिससे उन्हें लाभ हो। इसी मंशा से मुजफ्फरनगर की घटना को अंजाम दिया गया, लेकिन सरकार ने तत्काल फौज को बुलाकर नकारात्मक सोच वाले राजनैतिक दलों की मंशा पर पानी फेर दिया।

सपा सरकार पर हमेशा से मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगता रहा है?

- इसका जवाब मैं दे चुका हूं। फिर कहना चाहता हूं कि राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए काम कर रही है।

दूसरा कार्यकाल मिला तो कोई खास योजना या परियोजना जिस पर आप काम करना चाहेंगे?

- इसमें कोई दो राय नहीं कि जनता अगला कार्यकाल भी हमारी पार्टी को ही देने जा रही है, क्योंकि उसने महसूस कर लिया है कि उत्तर प्रदेश का सही मायने में विकास सपा ही कर सकती है। जहां तक अगली सरकार के आने के बाद विकास कार्यों की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि वर्तमान परियोजनाओं को उनके अंतिम मुकाम तक पहुंचाने के अलावा प्रदेश को सभी क्षेत्रों में विकास मॉडल के रूप में स्थापित करने का गंभीरता से प्रयास किया जाएगा।

आपके प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घूम-घूम कर शराबबंदी की बात कर रहे थे। उन्होंने आपसे भी इसकी उम्मीद की थी। क्या व्यक्तिगत तौर पर भी आप दोनों की बातें हुई?

- हमारा देश लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करने वाला है। संविधान में देश के किसी भी नागरिक को कहीं भी जाकर अपनी बात रखने और विचार व्यक्त करने का अधिकार दिया गया है। यदि नीतीश जी उत्तर प्रदेश में आकर कुछ लोगों के बीच में अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं तो उन्हें ऐसा करने का पूरा हक है।


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