खराब होती वायु गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- पराली मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे केंद्र
प्रदूषण मामले में कोर्ट की सहायता कर रहीं एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय से इस मुद्दे पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जाना चाहिए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए बनी टास्क फोर्स की सिफारिश पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। दिल्ली में रविवार रात 10 बजे तक समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 301 पहुंच गया और रात के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के सभी हिस्सों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में आ गई थी।
सोमवार को यह मुद्दा न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष उठा। इस दौरान प्रदूषण मामले में कोर्ट की सहायता कर रहीं एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय से इस मुद्दे पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जाना चाहिए।
कोर्ट ने जारी किए थे निर्देश
अपराजिता ने पीठ को बताया कि पिछले साल 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण रोकने के लिए तमाम निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने यह निर्देश केंद्र की उस दलील के बाद जारी किए थे, जिसमें उसने कहा था कि तीनों राज्यों में पराली जलाने के मामले की रोकथाम पर गठित एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स की उप समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है।
एमिकस क्यूरी ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देश और समिति की रिपोर्ट के क्रियान्वयन पर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय से दो सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
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