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Air India Flight: सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को 6 जून तक बीच की सीट पर यात्री बैठाने की दी इजाजत

Air India Flight विमानों में मिडिल सीट खाली छोड़ने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र और एअर इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 08:11 PM (IST)
Air India Flight: सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को 6 जून तक बीच की सीट पर यात्री बैठाने की दी इजाजत
Air India Flight: सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को 6 जून तक बीच की सीट पर यात्री बैठाने की दी इजाजत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच विदेशों में फंसे भारतीयों की बुक हो चुकी टिकटों और दिक्कतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को थोड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने एयर इंडिया को 6 जून तक नान शिड्यूल उड़ानों में बीच की सीट पर सवारियों को बैठाने की इजाजत दे दी है। हालांकि इसके बाद आगे निर्णय लेने के मामला बाम्बे हाईकोर्ट वापस भेज दिया।

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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में ही साफ किया है कि हाईकोर्ट कोरोना महामारी में लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए नान शिड्यूल या शिड्यूल उड़ानों के बारे में निर्णय ले सकता है। हाईकोर्ट में 2 जून को मामले पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, एएस बोपन्ना और ऋषिकेष राय की पीठ ने डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से कहा है कि वह कामर्शियल हितों के बजाए जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बीच आवश्यकता पड़ने पर नियमों में बदलाव करने के लिए स्वतंत्र है। यह मामला विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने से संबंधित है।

बाम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए विदेशों से भारतीयों के वापस लाने वाली उड़ानों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए बीच की सीट खाली छोड़ने का आदेश दिया था। इस आदेश को एयर इंडिया और भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार और एयर इंडिया की ओर से अर्जेन्सी की दुहाई देते हुए तत्काल सुनवाई मांगी गई थी जिस पर कोर्ट ने ईद पर छुट्टी वाले दिन सोमवार को मामले पर सुनवाई की और हाईकोर्ट के आदेश में थोड़ा संशोधन किया। हालांकि एयर इंडिया को बीच वाली सीट पर यात्री बैठाने की इजाजत देने का सुप्रीम कोर्ट बहुत इच्छुक नहीं था।सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सामान्य तौर पर वह निचली अदालतों के अंतरिम आदेशों में दखल देने का इच्छुक नहीं रहता।

लेकिन एयर इंडिया की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश से टिकट बुक करा चुके विदेशों में फंसे भारतीयों को बहुत दिक्कत हो जाएगी। उन्हें विदेशी एयरपोर्ट पर रुकने से लेकर पैसे आदि सभी तरह की दिक्कतें होंगी विशेषतौर पर उन लोगों को जो परिवार के साथ यात्रा करने वाले हैं ऐसे लोगों में जो सदस्य बीच की सीट के यात्री होंगे वे बाहर हो जाएंगे। पीठ ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए एयर इंडिया को नान शिड्यूल उड़ानों में छह जून तक बीच की सीट पर यात्रियों को बैठाने की इजाजत होगी। यानी बीच की सीट खाली छोड़नी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामला वापस हाईकोर्ट भेजते हुए आग्रह किया है कि वह परिस्थितियों को देखते हुए मामले में आगे फैसला ले और जरूरी लगे तो अंतरिम आदेश भी जारी करे। हाईकोर्ट में 2 जून को मुख्य मामले की सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट कोरोना के चलते लोगों की सुरक्षा को देखते हुए शिड्यूल और नान शिड्यूल दोनों तरह की उड़ानों के बारे में आदेश दे सकता है। इससे पहले सुनवाई के दौरान मेहता ने हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जिस सर्कुलर को आधार बना कर आदेश दिया है वह कोरोना लाकडाउन के पहले घरेलू उड़ानों के बारे में था।

मेहता ने कहा कि अब विशेषज्ञों का मानना है कि हवाई जहाज में वेंटीलेशन की तकनीक एचपीसीए सिस्टम को देखते हुए बीच की सीट खाली रखने की जरूरत नहीं है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार जब शारीरिक दूरी की बात करती है तो फिर ये कंधे से कंधा सटा कर बैठना खतरनाक नहीं होगा। बाहर छह फिट की दूरी हो और अंदर? एसजी ने कहा कि वैसे भी सात दिन इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन और सात दिन घर पर क्वारिंनटीन होना जरूरी है। पीठ ने कहा कि आप केन्द्र सरकार और एयर इंडिया दोनों के लिए पेश हो रहे हैं। मेहता ने कहा हां। दोनों एक ही हैं। पीठ ने कहा नहीं। आप सिर्फ दिक्कतें बता रहे हैं। हालांकि बाद में कोर्ट ने एयर इंडिया को थोड़ी राहत दे दी।


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