फ्रेंडली फायर में शहीद दो पायलटों को वायु सेना पदक, मिसाइल हमले में क्रैश हुआ था एमआइ-17 हेलीकॉप्टर
Air Force Medal to martyred pilots in friendly fire फ्रेंडली फायर में शहीद स्क्वॉड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ट और निनाद अनिल मांडवगणे को मरणोपरांत वायुसेना पदक देने का एलान हुआ है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। जम्मू-कश्मीर के बडगाम में गलती से अपनी ही मिसाइल का शिकार हुए सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर के दो पायलटों स्क्वॉड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ट और निनाद अनिल मांडवगणे को मरणोपरांत वायुसेना पदक (वीरता) देने की घोषणा की गई है। हेलीकॉप्टर में सवार चार अन्य सदस्यों फ्लाइट इंजीनियर विशाल कुमार पांडेय, सार्जेंट विक्रांत सहरावत, सिपाही दीपक पांडेय एवं सिपाही पंकज कुमार को भी मरणोपरांत 'मेंशन इंन डिस्पैच' Mention-In-Despatches से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान भी वीरता के लिए दिया जाता है।
बता दें कि बालाकोट में आतंकी सगठन जैश के ठिकाने पर सर्जिकल हमले के बाद पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को भगाने के क्रम में कमांड एवं नियंत्रण की विफलता के चलते पिछले साल 27 फरवरी को यह हादसा हुआ था। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था। आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। पहले तो इस हादसे को दुर्घटना बताया गया था। लेकिन बाद में जांच में पता चला था कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान यह हेलीकॉप्टर वायु सुरक्षा मिसाइल प्रणाली स्पाइडर का शिकार हो गया था।
इस हादसे में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई थी। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने इसे बड़ी भूल करार दिया था। उन्होंने कहा था कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में यह स्पष्ट हो गया कि यह वायुसेना की गलती थी। वायुसेना के इन वीर जवानों के अलावा गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ने वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा समेत छह शीर्ष वायुसेना अधिकारियों को परम विशिष्ट सेना पदक दिए जाने की मंजूरी दी। नौ वरिष्ठ अधिकारियों को अति विशिष्ट सेवा पदक और 29 अधिकारियों को वायु सेना पदक प्रदान किए जाने को भी मंजूरी दी है।