वायुसेना ने शुरू किया खाली आक्सीजन टैंकरों का परिवहन, जोधपुर और इंदौर से रवाना हुए विमान
विशेषज्ञों का कहना है कि लिक्विड आक्सीजन से भरे टैंकरों को हवाई जहाज से नहीं लाया जा सकता। ऊंचाई पर दबाव बढ़ने के साथ ही इसमें आग लगने का खतरा रहता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भरे हुए टैंकर सड़क मार्ग से आएंगे।
नई दिल्ली, टीम जागरण। देशभर में आक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने वायुसेना से मदद ली है। वायुसेना खाली टैंकरों को पहुंचा रही है ताकि एक तरफ की यात्रा का समय बचे और अस्पतालों में भर्ती लोगों तक समय पर आक्सीजन पहुंच सके। शनिवार को वायुसेना ने राजस्थान के जोधपुर और मध्य प्रदेश में इंदौर से खाली टैंकरों को गुजरात के जामनगर तक पहुंचाया।
जोधपुर से शनिवार सुबह वायुसेना के विशालकाय सी -17 परिवहन विमान दो खाली टैंकर लेकर जामनगर के लिए रवाना हुआ। जामनगर से लिक्विड आक्सीजन भरकर ये दोनों टैंकर सड़क मार्ग से जोधपुर आएंगे। जामनगर से जोधपुर को प्रतिदिन 30 से 40 टन आक्सीजन का कोटा आवंटित हुआ है। दोनों शहरों के बीच दूरी तय होने में दो दिन लग सकते हैं। ऐसे में खाली टैंकर विमान से पहुंचाने पर समय की बचत होगी।
इसी तरह इंदौर के अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डे के निदेशक आर्यामा सान्याल ने कहा कि सी-17 से एक खाली टैंकर जामनगर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को भी खाली टैंकर भेजा गया था। सड़क मार्ग से इंदौर और जामनगर के बीच 20 घंटे लगते हैं जबकि हवाई मार्ग से एक घंटे में यह पहुंच जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि लिक्विड आक्सीजन से भरे टैंकरों को हवाई जहाज से नहीं लाया जा सकता। ऊंचाई पर दबाव बढ़ने के साथ ही इसमें आग लगने का खतरा रहता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भरे हुए टैंकर सड़क मार्ग से आएंगे।
भोपाल के बीएचईएल के सामने खाली सिलेंडरों की लंबी कतारऑ
आक्सीजन की भारी कमी के कारण बड़ी संख्या में लोग खाली सिलेंडर लेकर भारत भारी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के सामने कतार में खड़े हैं। जीवन रक्षक गैस की मांग बढ़ने के कारण बीएचईएल की भोपाल इकाई नागरिकों को आक्सीजन मुहैया कराने के लिए निर्बाध सेवा में जुटा है। आक्सीजन सिलेंडर भराने के लिए कतार में लोगों के साथ अस्पतालों के प्रतिनिधि भी खड़े हैं। कतार इतनी लंबी है कि लोगों को अपनी बारी के लिए छह से सात घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।
बंगाल में पाजिटिव रिपोर्ट पर ही मिलेगी आक्सीजन
देशभर में आक्सीजन की कमी को लेकर मचे हाहाकार के बीच बंगाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब कोविड पाजिटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दवा दुकानों से आक्सीजन की खरीदारी हो सकेगी। आक्सीजन की कालाबाजारी और बेवजह इसकी खरीदारी कर घर में रखने की मची होड़ पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
झारखंड के अस्पतालों में होने लगी आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था
कोरोना संकट के दौरान आक्सीजन की किल्लत ने झारखंड के अस्पतालों को एक बड़ा सबक दिया है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए ज्यादातर अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था नहीं थी। अब यह व्यवस्था होने लगी है। सरकार के स्तर पर भी इसके प्रयास हो रहे हैं। अभी राज्य में बेड, आक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।