जानिए कैसे कोरोना संक्रमण फैलने से रोकेंगे 'एयर बिन', इंजीनियरों ने तैयार की स्मार्ट डस्टबिन प्रणाली
आइआइटी मद्रास के मकैनिकल इंजीनियर महेंद्र शाह ने बताया कि उनकी स्टार्टअप कंपनी अंतरिक्ष ने इस डिजिटल कचरा प्रबंधन प्रणाली को तैयार किया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। आइआइटी मद्रास की ओर से कोरोना संक्रमण से उत्पन्न कचरे के उचित निपटारे के लिए 'स्मार्ट बिन' तैयार किया गया है। मोबाइल फोन से कनेक्टेड यह 'स्मार्ट डस्टबिन प्रणाली' अस्पतालों, क्लीनिकों, सार्वजनिक स्थलों और क्वारंटाइन जोनों में कचरे के डब्बों में जमा संक्रामक कचरे का सही तरीके से और जल्द से जल्द निपटारा करेगी। ताकि इस कचरे के कारण कोरोना संक्रमण न फैले।
आइआइटी मद्रास की ओर से तैयार किए गए यह 'एयर बिन' संक्रमित मॉस्क, स्वॉब, टिश्यू और अन्य संक्रामक कचरा डाला जाता है। इन 'एयर बिन' की निगरानी मोबाइल ऐप के जरिए होगी और 'एयर बिन' भरते ही इसके खाली करने के लिए संबंधित व्यक्ति वहां पहुंच जाएगा और उसका समुचित सावधानी से निस्तारण करेगा।
ऑन डिमांड होगा संक्रामक कचरे का निस्तारण
आइआइटी मद्रास के मकैनिकल इंजीनियर महेंद्र शाह ने बताया कि उनकी स्टार्टअप कंपनी अंतरिक्ष ने इस डिजिटल कचरा प्रबंधन प्रणाली को तैयार किया है। इसके जरिए शहरों के अंदर अस्पतालों, क्वारंटाइन जोनों, रेड जोनों और संक्रामक स्थलों पर संक्रामक कचरे का निस्तारण ऑन डिमांड भी होगा। इसके अलावा, इनके भरने पर इसकी जानकारी ऐप से जुड़े नेटवर्क को भी हो जाएगी। इन 'एयर बिन' की समय-समय पर समुचित सफाई पूरी सावधानी से की जाती रहेगी। इस संक्रामक कचरे के निस्तारण में इसे एकत्र करने से लेकर इसे रिसाइकिल करने तक मदद होगी। 'एयर बिन' उपकरण को कचरे के डिब्बे के पास दीवारों, खंभो या इन डिब्बों पर ही लगाया जा सकेगा। इससे स्थानीय निकायों को उनके मोबाइल फोन पर कचरे का अपडेट मिल जाएगा। और वह इसे समय रहते वहां से हटा लेंगे। उन्होंने बताया कि अगले कुछ महीनों में देश के विभिन्न हिस्सों में 200 'एयर बिन' उपकरणों की पहली खेप की आपूर्ति की जाएगी।