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कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए एआइसीटीई ने बढ़ाया हाथ, 'स्वानाथ' नाम से शुरू की नई स्कालरशिप स्कीम

देशभर के इंजीनियरिंग और दूसरे तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले ऐसे बच्चों के लिए राहत भरी एक बड़ी खबर है जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो दिया है। इन बच्चों की मदद के लिए एआइसीटीई ने स्वानाथ नाम से एक नई स्कालरशिप स्कीम शुरू की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 12:45 AM (IST)
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए एआइसीटीई ने बढ़ाया हाथ, 'स्वानाथ' नाम से शुरू की नई स्कालरशिप स्कीम
एआइसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) ने 'स्वानाथ' नाम से एक नई स्कालरशिप स्कीम शुरू की है।

नई दिल्ली, जेएनएन। देशभर के इंजीनियरिंग और दूसरे तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले ऐसे बच्चों के लिए राहत भरी एक बड़ी खबर है जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो दिया है। इन बच्चों की मदद के लिए एआइसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) ने 'स्वानाथ' नाम से एक नई स्कालरशिप स्कीम शुरू की है। इसके तहत ऐसे अनाथ बच्चों को हर साल 50 हजार रुपये की स्कालरशिप दी जाएगी।

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इसका लाभ सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद हुए जवानों के बच्चों को भी दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए ऐसे सभी बच्चों को आवेदन करना जरूरी होगा। एआइसीटीई ने बुधवार को यह अहम स्कीम लांच की। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए आवेदन की प्रक्रिया 26 सितंबर से शुरू होगी। ऐसे सभी बच्चे 30 नवंबर तक आवेदन कर सकेंगे। इस स्कीम का लाभ ऐसे बच्चे भी ले सकेंगे, जिनके माता-पिता में से किसी एक की भी मौत कोरोना से हुई है।

हालांकि इसके लिए उन्हें कोरोना से हुई मौत का प्रमाण पत्र भी देना होगा। साथ ही दूसरे जीवित परिजन की सालाना आय आठ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पीएम केयर फंड की मदद से एक स्कीम शुरू की है। इसके तहत ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक हर महीने मदद देने सहित कई बड़े एलान किए गए थे।

एआइसीटीई के मुताबिक, इस नई स्कालरशिप स्कीम के तहत हर साल दो हजार छात्रों को लाभ दिया जाएगा। इनमें से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स करने वाले एक-एक हजार छात्र होंगे। हालांकि इसका लाभ उन्हीं छात्रों को दिया जाएगा, जो एआइसीटीई से संबद्ध तकनीकी संस्थानों या कोर्सों की पढ़ाई कर रहे होंगे।

एआइसीटीई ने छात्रों के चयन के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन भी जारी की। इसमें सभी मापदंडों को ध्यान में रखा गया है। मालूम हो कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें बच्चों के माता-पिता दोनों की कोरोना से संक्रमित होने पर मौत हो गई। 


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