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सेना में अगले साल शामिल होने को तैयार अग्नि-5

स्वदेश निर्मित अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 और परमाणु आयुधों से लैस पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत अगले साल सशस्त्र सेवाओं का हिस्सा बन सकती है।

By Edited By: Published: Fri, 07 Feb 2014 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2014 10:08 PM (IST)
सेना में अगले साल शामिल होने को तैयार अग्नि-5

नई दिल्ली। स्वदेश निर्मित अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 और परमाणु आयुधों से लैस पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत अगले साल सशस्त्र सेवाओं का हिस्सा बन सकती है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डीआरडीओ] के प्रमुख अविनाश चंदर ने द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी [डिफएक्सो-2014] में शुक्रवार को यह जानकारी दी। चंदर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, स्वेदशी सैन्य विकास कार्यक्रम के तहत पांच हजार किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाली अग्नि-5 मिसाइल और परमाणु पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत को अगले साल सेना का हिस्सा बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। त्रिस्तरीय ठोस प्रणोदक वाली अग्नि-5 का एकीकृत परीक्षण रेंज के काम्प्लेक्स-चार से एक मोबाइल लांचर से दो बाद सफल परीक्षण किया जा चुका है। दो-तीन और परीक्षण करने हैं, जो इस साल पूरे होने की उम्मीद है। इसके बाद 15 मीटर लंबी, दो मीटर चौड़ी तथा 50 टन वजनी अग्नि पांच के सेना का हिस्सा बनने के लिए पूरी तैयार होने की उम्मीद है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, भारत मिसाइल कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने की क्षमता रखता है। डीआरडीओ के प्रमुख ने कहा, इसी प्रकार स्वदेश निर्मित परमाणु पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत का समुद्र परीक्षण अगले एक-दो माह में शुरू हो जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत पनडुब्बी से 700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम अंडर वाटर मिसाइल बीओ-5 दागी जाएगी। हाल ही में नौसेना के अधिकारियों ने कहा था कि परीक्षण पूरे होने के बाद अरिहंत को सेवा में शामिल किया जाएगा।

अग्नि 4 का सफलतापूर्वक परीक्षण

नक्सलियों की खोज के लिए बनाएगा मानव रहित विमान

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) निशांत नामक मानव रहित टोही विमान (यूएवी) बनाएगा, जिसकी मदद से केंद्रीय आरक्षी पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ और झारखंड के घने जंगलों में छिपे नक्सलियों को खोज सके।

डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा, हम सीआरपीएफ से उनकी जरूरत, अभियान वाले क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति आदि के बारे में बातचीत कर रहे हैं और फिर उसी के मुताबिक यूएवी बनाएंगे। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर इलाके में मार्च और अप्रैल में इस मानव रहित टोही विमान के प्रदर्शन की योजना है।

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