तिरुवनंतपुरम: श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के द्वार 15 अक्टूबर तक भक्तों के लिए बंद, पुजारी सहित कई कर्मचारियों को हुआ था कोरोना
तिरुवंतपुरम में मौजूद श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भक्तों के लिए 15 अक्टूबर तक बंद हो गया है। दरअसल पिछले दिनों मंदिर के 2 पुजारी और कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए थे। इसको ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल की रजाधानी तिरुवंतपुरम में मौजूद श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) अब भक्तों के लिए बंद गया है। पिछले दिनों मंदिर के 2 पुजारियों सहित कई कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद राज्य सरकार ने मंदिर को बंद करने का फैसला लिया है। 15 अक्टूबर तक के लिए मंदिर के द्वार भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं। यानी अब भक्त 15 अक्टूबर तक मंदिर में नहीं जा सकते हैं।
बता दें कि देश में प्रत्येक दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। केरल ही देश में पहला ऐसा राज्य है, जहां पर कोरोना के मामले सबसे पहले सामने आए थे हालांकि इस वायरस से पहली मौत कर्नाटक राज्य में हुई थी। इसके बाद यह संक्रमण पूरे देश में फैल गया। आज स्थिति ऐसी यह है कि भारत संक्रमण की लिस्ट में दुनिया में दूसरे नंबर पहुंच गया है। बताते चले कि दुनिया में इस वक्त सबसे ज्यादा संक्रमित देश अमेरिका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक 69 लाख 6 हजार 152 मामले सामने आ चुके हैं। फिलहाल देश में 8 लाख 93 हजार 592 सक्रिय मामले हैं। कोरोना से ठीक होने वालों का आंकड़ा भी बढ़कर 59 लाख 6 हजार 70 तक पहुंच गया है। कोरोना वायरस के कारण मौतों की संख्या बढ़कर 1 लाख 6 हजार 490 हो गई है।
बीते 24 घंटों में ठीक हुए लोग
देश में बीते 24 घंटों में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, नए मामलों से अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देश में 78,365 लोग ठीक हुए हैं। इसको मिलाकर देश में अब तक 59 लाख 6 हजार 69 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश की कोरोना रिकवरी दर 85.52 फीसद हो गई है। इसके अलावा देश की एक्टिव मामलों की दर 12.94 फीसद है। भारत में कोरोना की मृत्यु दर 1.54 फीसद है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का विवाद चर्चा का केंद्र
बता दें कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का विवाद काफी लंबे समय से चर्चा में है। ऐतिहासिक मंदिर में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पिछले नौ सालों से प्रबंधन और प्रशासन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है।