बेटे की मौत का ऐसा पड़ा प्रभाव कि तीन साल में भर दिए शहर के 556 गड्ढे
सड़क के गड्ढों के कारण दुर्घटना में अपने बेटे को खोने के बाद मुंबई के नागरिक ने शहर की सड़कों के गड्ढों को भरने का फैसला कर लिया।
मुंबई (जेएनएन)। तीन साल पहले सड़क दुर्घटना में अपने बेटे को खोने के बाद मुंबई के दादाराव बिलहोरे पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने शहर की काया पलट करने का फैसला कर लिया। दरअसल दादाराव के 16 वर्षीय बेटे की बारिश में सड़क पर बने गहरे गढ्ढों के कारण दुर्घटना में मौत हो गई थी। उस घटना के बाद बिलहोरे इतना आहत हुए कि उन्होंने नगर निगम की जिम्मेदारी खुद उठा ली और सड़कों के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया। घटना के तीन साल के बाद रविवार तक उसने 556 गड्ढों को भरने के सराहनीय काम को अंजाम दिया।
जानकारी के मुताबिक, 28 जुलाई 2015 को बिलहोरे का बेटा प्रकाश मुंबई में जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड पर बारिश के पानी से भरे गहरे गड्ढे के कारण अपनी बाइक से गिर पड़ा था और वहीं उसकी मौत हो गई थी। अपने बेटे की मौत का दादारव पर ऐसा असर हुआ कि उन्होंने शहर की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का फैसला लिया ताकि प्रकाश की तरह की दर्दनाक मौत किसी और की ना हो।
बिलहोरे ने बताया कि मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना किसी और के साथ हो। देश को गड्ढामुक्त सड़क देने के लिए मैं आगे भी अपना काम ऐसे ही जारी रखूंगा। हमारे देश की जनसंख्या बहुत बड़ी है। अगर एक लाख लोगों ने भी सड़कों के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया तो भारत एक दिन गड्ढामुक्त देश बन जाएगा।
इस समस्या को सुलझाने के मुद्दे पर बृहन्नमुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी), मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) के बीच विवाद के मामले पर बिलहोरे ने बताया कि अगर लोगों ने गड्ढों को भरने का काम शुरू कर दिया तो ये संस्थाएं भी इनसे प्रेरित होकर अपनी जिम्मेदारी लेना शुरू कर देंगी।
आपको बता दें कि मुंबई में इस मॉनसून में गड्ढों के कारण छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसी महीने मनसे के कार्यकर्ताओं ने राज्य में गड्ढों के कारण होने वाली मौत के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन निकाला था।