कांग्रेस में मणिशंकर के बाद अब कपिल सिब्बल के निष्कासन की मांग
अयोध्या विवाद को लेकर कांग्रेस में जारी खींचतान गंभीर होती जा रही है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के खिलाफ पार्टी के भीतर मोर्चा बंदी शुरू हो गई है।
नई दिल्ली/ लखनऊ (जेएनएऩ)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने के अारोप में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं अब कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी पार्टी नेताअों के निशाने पर हैं। अयोध्या विवाद को लेकर कांग्रेस में जारी खींचतान गंभीर होती जा रही है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के खिलाफ पार्टी के भीतर मोर्चा बंदी शुरू हो गई है। अल्पसंख्यक विभाग के संयोजक व पूर्व विधायक सिराज मेंहदी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सिब्बल पर अपने बयानों से कांग्रेस की छवि को खराब करने का आरोप लगाते हुए निष्कासन की मांग की।
गुरुवार को लिखे पत्र में सिराज मेंहदी ने आरोप लगाया कि सिब्बल का बयान उस समय आया है जब गुजरात में चुनाव चल रहा है और 2018 में कई राज्यों में भी चुनाव होंगे। ऐसे वक्त राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने अदालत में जो दलीलें दी और जो शब्द इस्तेमाल किए हैं, उनसे न देश की जनता सहमत है और न दोनों पक्षकार। सिराज ने कहा कि पार्टी हित में बेहतर हो कि सिब्बल स्वयं ही इस्तीफा दे दें वरना उनको तत्काल कांग्रेस से निकाल देना चाहिए।
सिब्बल का बयान उस समय आया है जब कांग्रेसजन एकराय होकर राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी में हैं। यह कांग्रेस की साख को बट्टा लगाने की साजिश है, जिसे गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
पूर्व विधायक का कहना है कि अयोध्या विवाद की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। बेहतर होता यदि न्यायालय द्वारा कहने के बाद दोनों ही पक्ष आपसी सहमति बना लें। वरना सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया जाए क्योंकि देश की जनता यकीन करती है कि न्याय होगा और दोनों पक्ष भी उसे मान लेंगे। उनका कहना था कि कपिल सिब्बल के बयान पर प्रवक्ता रणजीत सिंह सुरजेवाला द्वारा सफाई देने भर से काम नहीं चलेगा कि यह पार्टी का मत नहीं केवल सिब्बल की निजी राय है। उन्होंने सोनिया गांधी से गुजारिश की है कि सिब्बल पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
यह भी पढ़ेंःभाजपा के नेता कहते थे- 'मणि बैठ जा नहीं तो अमर सिंह आ जाएगा'