भारत के बाद रूस ने भी ट्विटर के खिलाफ झंडा किया बुलंद, राष्ट्रविरोधी भावनाएं भड़काने का आरोप
भारत सरकार ने ट्विटर से कहा है कि वह दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा में संलिप्त रहे अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दे। लेकिन माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के खिलाफ रूस से भी आवाज उठी है। भारत की तरह रूस ने भी ट्विटर पर राष्ट्रविरोधी भावनाएं भड़काने और अशांति पैदा करने का आरोप लगाया है। भारत ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर यह बात कही है तो रूस ने यह बात विपक्षी नेता एलेक्सेई नवलनी समर्थकों के आंदोलन को लेकर कही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कर दिया है कि हालात बिगड़ने पर वह विदेशी इंटरनेट सेवा को बंद करने का फैसला लेने से नहीं हिचकेंगे।
भारत सरकार ने ट्विटर से कहा है कि वह दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा में संलिप्त रहे अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दे। लेकिन माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके चलते भारत सरकार ने लोगों को एक स्वदेशी कंपनी की सेवा लेने का विकल्प सुझाया है। पुतिन ने भी कहा है कि संभव है कि रूस विदेशी इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दे। इसके स्थान पर हम अपनी सेवा का इस्तेमाल करेंगे। हम किसी व्यवस्था से कटना नहीं चाहते लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम देश का नुकसान बर्दाश्त करेंगे। पुतिन ने कहा, हम किसी भी राष्ट्रविरोधी कृत्य को स्वीकार नहीं करेंगे। पुतिन ने भी विकल्प के तौर पर दो कंपनियों के नाम सुझाए हैं।
नवलनी हैं सीआइए का हथियार
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि सितंबर में होने वाले देश के संसदीय चुनाव पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष रहें, इसके लिए रूस हर संभव प्रयास करेगा। आशंका है कि विपक्षी नेता नवलनी के सहारे विदेशी ताकतें देश के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन रूस ऐसा नहीं होने देगा। राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि नवलनी सीआइए का हथियार हैं। उनके जरिये पश्चिमी खुफिया एजेंसियां रूस को अस्थिर करना चाहती हैं।