'साफ नीयत, सही विकास' के नारे के साथ 2019 के चुनाव में जाएगी भाजपा
26 मई को मोदी सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं। इसके साथ ही भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। साल 2019 के आम चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। एक दिन पहले ही कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के बहाने विपक्ष ने मोदी के खिलाफ एकजुटता और ताकत दिखाने का प्रयास किया। वहीं, भाजपा ने भी आम चुनावों की तैयारी शुरू कर दी हैं और अभी से स्पष्ट कर दिया है कि 2019 के चुनावों में वो क्या मुद्दा लेकर जाएंगे।
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले 'साफ नीयत, सही विकास' का नारा दिया है। भाजपा सरकार इसी नारे के बूते अपने चार साल के कामों के आधार पर चुनावी रण में उतरेगी। इसके लिए रणनीति तैयार को चुकी है। रणनीति बड़ी स्पष्ट है, इसके तहत मोदी सरकार के मंत्री अपने चार साल के कामकाज की रिपोर्ट जनता के सामने रखेंगे। इस रिपोर्ट में 48 सालों की कांग्रेस शासन की उपलब्धियों और 48 महीने की मोदी सरकार की उपलब्धियों का तुलनात्मक आंकड़ा होगा।
गौरतलब है कि 26 मई को नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं। इसके साथ ही सरकार अपने शासन के पांचवें और अंतिम साल में प्रवेश कर जाएगी। चार साल पूरे होने के मौकै से ही मोदी सरकार की चुनावी बिगुल बजाने की तैयारी है। फिलहाल, सरकार अपनी चार साल की उपलब्धियों का खाका तैयार करने में लगी है। इस खाके को सरकार 'साफ नीयत, सही विकास' के नारे के साथ जनता के सामने रखेगी।
फिलहाल, इस खाके को भरने के लिए सभी मंत्रालय अपनी चार साल की उपलब्धियां जनता के सामने रखने की तैयारियों में जुट गए हैं। मंत्रालयों से ये भी कहा गया है कि उनकी योजनाओं से जिन लोगों को लाभ मिला है, उनका ब्यौरा भी इसमें शामिल करें।
चार साल में पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने बहुत सी योजनाएं शुरू कीं, तो साथ ही कुछ पर विराम भी लगाया। मोदी ने चार सालों में अपनी छवि एक सख्त प्रशासक के रूप में बनाई है जो कि कड़े फैसले लेने से भी नहीं चूकता। ऐसे फैसलों में विमुद्रीकरण (नोटबंदी) और जीएसटी की बात की जा सकती है। इसके अलावा पीएम मोदी ने देश की राजनीति में भी कई नई परंपराओं का आगाज किया और सरकार को भी सोशल मीडिया के माध्सम से इंटरएक्टिव बनाया। इनके अलावा भी मोदी सरकार के खाते में कई सारी उपलब्धियां हैं, जिन्हें लेकर भाजपा जनता के बीच जा सकती है।
ये कुछ ऐसी योजनाएं और कार्यक्रम हैं जो पिछले चार साल में नरेंद्र मोदी सरकार की देन हैं। इनमें सरकार किस योजना पर कितना खरा उतरी और वो योजना कितनी कामयाब रही ये सब सरकार की 4 साल की उपलब्धि की रिपोर्ट में तफ्सील से बताया जा सकता है। हालांकि, पिछले चार साल में सरकार के कुछ फैसले ऐसे भी रहे जिन्हें लेकर मोदी विरोधियों के निशाने पर आए। नोटबंदी और जीएसटी ऐसे ही फैसले हैं, इन्हें लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनावों में भी मोदी सरकार पर खूब तीर छोड़े। वहीं, भाजपा के लोग इन फैसलों को लेकर विपक्ष पर तंज कसते हैं कि अगर जनता को ये फैसले पसंद नहीं हैं तो कैसे वो एक के बाद एक राज्य में चुनाव जीतते जा रहे हैं। देखना ये होगा कि इन फैसलों के आधार पर 2019 के लोकसभा चुनाव में परिणाम का ऊंट किस करवट बैठता है।
एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष केंद्रीय मंत्री 40 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, रामविलास पासवान और प्रकाश जावड़ेकर जैसे नेता शामिल हैं।