Move to Jagran APP

लड़ाकू विमान राफेल के आने से पाक और चीन के मुकाबले कैसे बदल जाएगी वायुसेना की ताकत, जानें क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों का माकूल जवाब दे रहे भारत की सैन्य ताकत अब और अभेद सुरक्षात्मक व घातक बनने जा रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 10:47 PM (IST)
लड़ाकू विमान राफेल के आने से पाक और चीन के मुकाबले कैसे बदल जाएगी वायुसेना की ताकत, जानें क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट
लड़ाकू विमान राफेल के आने से पाक और चीन के मुकाबले कैसे बदल जाएगी वायुसेना की ताकत, जानें क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

नई दिल्‍ली, एएनआइ। लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच फ्रांस से अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल भारत के लिए रवाना हो चुका है | पहले जत्थे में पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं | भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके राफेल विमान को लेकर बुधवार को अम्बाला एयरबेस पर पहुंचेंगे। इनमें से तीन राफेल विमान श्रीनगर एयरबेस में तैनात होंगे। फॉर्मल इंडक्शन सेरेमनी 15 अगस्त के आसपास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राफेल के पहले बेड़े को 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के पायलट उड़ाएंगे। जिनकी ट्रेनिंग पहले भी पूरी हो चुकी है।

loksabha election banner

इस बारे में एयर मार्शल (रि.) रघुनाथ नांबियार ने कहा कि यह भारतीय वायुसेना के लिए महत्वपू्र्ण दिन है। 18 साल से कोई नया फाइटर एयरक्राफ्ट प्रड्यूस नहीं हुआ है। अंतिम फाइटर एयरक्राफ्ट 2002 में सुखोई (Su-30MKI) आया था। 18 साल के बाद एक आधुनिक और भारी क्षमता वाला फाइटर हमारे पास आ रहा है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जिस तरह से हमारे उत्तरी पड़ोसियों से खतरा है, राफेल का आना काफी महत्वपूर्ण है।

उन्‍होंने कहा कि राफेल इस समय आकाश में सबसे अच्छा विमान है। इसकी तुलना पाकिस्तान के एफ -16 और जेएफ -17 जैसे लड़ाकू विमान कहीं नहीं ठहरते हैं। यदि आपको चीन का चेंग्दू जे -20 के खिलाफ राफेल की तुलना करनी है, तो मुझे लगता है कि राफेल उनके ऊपर सिर और कंधे खड़ा है।

उन्‍होंने आगे कहा कि इसे सीधे शब्दों में कहें तो पीएम मोदी ने राफेल को लेकर अव्यवस्था को जड़ से खत्‍म कर दिया। हम पहले राफेल के 126 विमानों की खरीद में तल्लीन थे और हम कहीं नहीं जा रहे थे। सरकार के पास कदम बढ़ाने और बहुत साहसिक और सही कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।

पाकिस्तान पर भारत की रणनीतिक बढ़त रहेगी

चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों का माकूल जवाब दे रहे भारत की सैन्य ताकत अब और अभेद, सुरक्षात्मक व घातक बनने जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि राफेल की पहली खेप अंबाला में तैनात होगी। वर्ष 1919 में स्थापित एयरफोर्स स्टेशन पाकिस्तानी सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। यहां अभी दो स्क्वाड्रन तैनात हैं। पहला जगुआर कॉम्बैट और दूसरी मिग-21 बाइसन। मिग-21 कुछ ही वर्षों में बेड़े से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में फाइटर जेट राफेल महत्वपूर्ण हो जाता है। इसकी तैनाती से पाकिस्तान पर भारत की रणनीतिक बढ़त रहेगी।

36 विमान 2021 के आखिर तक मिलेंगे 

भारत को 36 राफेल विमान दिए जाने हैं। इनमें 18 अंबाला और 18 हासीमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। पश्चिम बंगाल स्थित हासीमारा एयरबेस चीन और भूटान सीमा के करीब है। दो इंजन वाले इस लड़ाकू विमान में दो पायलट बैठ सकते हैं। ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर यह विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है।

राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दासौ ने अभी तक 10 विमान वायुसेना को सौंपे हैं, जिनमें से पांच भारत पहुंच रहे हैं। बाकी पांच दूसरे बैच की ट्रेनिंग के लिए अभी फ्रांस में ही हैं जो कुछ समय बाद आएंगे। भारत और फ्रांस के बीच 2016 में हुए समझौते के तहत 36 राफेल विमानों की खरीद की गई है। करीब 59000 करोड़ रुपये की अब तक की इस सबसे बड़ी रक्षा खरीद के तहत सभी 36 विमान 2021 के आखिर तक भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे।

राफेल की रवानगी के मौके पर मौजूद राजदूत जावेद अशरफ ने कहा कि भारत के लिए राफेल की यह उड़ान भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी का बेहद प्रभावशाली नमूना है। फ्रांस और भारत के बीच सैन्य सहयोग और साझेदारी का मजबूत इतिहास रहा है। विशेषकर फ्रांसीसी लड़ाकू विमान वायुसेना की खास पसंद रहे हैं। भारत ने 1953 में ही वायुसेना के लिए फ्रांस के चर्चित टूफानिस लड़ाकू जेट खरीदे थे।

इसके बाद मायस्ट्री, जगुआर और मिराज जैसे फ्रांसीसी लड़ाकू जेट भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा रहे हैं। इनमें जगुआर और मिराज तो अभी भी वायुसेना के बेड़े का अहम हिस्सा हैं। मालूम हो कि बीते साल अक्टूबर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस की यात्रा के दौरान दासौ कंपनी ने राफेल विमानों को पहली बार औपचारिक रुप से भारत को सौंपा था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.