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मिलावट की बुराई को मारने के लिए चलाना होगा राम बाण, आपकी सेहत से हो रहा खिलवाड़

आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में 65000 सैंपलों की जांच में से 20000 सैंपल फेल हो गए। वहीं 2016-17 में 99000 सैंपल की जांच करने पर लगभग 24000 सैंपल फेल हो गए थे। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में मिलावट की समस्या लगातार बढ़ रही है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 04:35 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 04:37 PM (IST)
मिलावट की बुराई को मारने के लिए चलाना होगा राम बाण, आपकी सेहत से हो रहा खिलवाड़
खाने पीने के सामान में सबसे ज्यादा मिलावट उत्तर प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु से लिए गए सैंपलों में पाई गई।

नई दिल्ली, विवेक तिवारी। हर साल हम रावण का पुतला जला कर बुराई के प्रतीक को खत्म करने का संदेश देते हैं। लेकिन खाने पीने की चीजों में मिलावट समाज में फैली एक ऐसी बुराई है जो लगातार बढ़ रही है। कुछ मुनाफाखोर अपने फायदे के लिए आम लोगों की सेहत से खेल रहे हैं। इस बुराई को खत्म करने के लिए सरकार को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। वहीं लोगों की जागरूकता से भी इस समस्या पर लगाम लगाई जा सकती है। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में  65,000 सैंपलों की जांच में से लगभग 20,000 सैंपल फेल हो गए। वहीं 2016-17 में 99,000 सैंपल की जांच करने पर लगभग 24,000 सैंपल फेल हो गए थे।

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फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में मिलावट की समस्या लगातार बढ़ रही है। नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैब  (NABL)  ने 2018-19 में कुल 1,06,459 खाने के सामान के सैंपल चेक किए। इसमें से 3900 सैंपल में मिलावट का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक था। वहीं 16,870 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें से  2813 मिलावटखोरों पर क्रिमिनल केस और 18550 पर सिविल केस भी किए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक खाने पीने के सामान में सबसे ज्यादा मिलावट उत्तर प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु से लिए गए सैंपलों में पाई गई। यहां से लिए गए सैंपल में 45 फीसदी फेल हो गए। एनसीआर से कुल 2461 सैंपल लिए गए इनमें से 485 में मिलावट पाई गई।

कंज्यूमर पॉलिसी एक्सपर्ट बिजॉन मिश्रा के मुताबिक भारत में खाने पीने की चीजों में मिलावट बहुत बड़ी समस्या है। मिलावटखोर थोड़े से मुनाफे के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार ने कई तरह के मानक बनाए हैं लेकिन इन मानकों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। मिलावट की समस्या से निपटने के लिए आम लोगों को जागरूक करने के साथ ही उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को भी जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। मिलावट करते पकड़े जाने पर इस तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए की उससे एक संदेश जाए और मिलावटखोरों में डर बढ़े।

दो सालों में करीब 6400 मामलों में खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए सजा हुई

पांच प्रमुख राज्य जिनमें मिलावट के मामले पकड़े गए

2017-18

राज्य                               इतने सैंपल टेस्ट में फेल हुए              इतने सैंपल की हुई जांच

उत्तर प्रदेश                                8375                                              19063

पंजाब                                       3053                                               11657

तमिलनाडु                                 2461                                                 7383

महाराष्ट्रा                                   1532                                                 9022

जम्मू और कश्मीर                      992                                                    3643

                                      2018-19

राज्य                   इतने सैंपल टेस्ट में फेल हुए         इतने सैंपल की हुई जांच

उत्तर प्रदेश                9403                                      19173  

पंजाब                       3403                                      11920

तमिलनाडु                 2601                                       5730  

महाराष्ट्रा                   1332                                         7063

जम्मू और कश्मीर      701                                          3600

(स्रोत भारत सरकार )


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