इंदौर में गमछे पर बैन के विरोध के बाद बदला फैसला, अब मास्क की तरह इस्तेमाल को मंजूरी
मध्य प्रदेश के इंदौर में जिला प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए गमछे और रुमाल के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी जिसका विरोध होने के अब इस पाबंदी को वापस ले लिया गया है।
इंदौर, पीटीआइ। मध्य प्रदेश के इंदौर में जिला प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए गमछे और रुमाल के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी। इस फरमान का तगड़ा विरोध होने के अब प्रशासन ने पाबंदी को वापस ले लिया है यानी इंदौर में अब आम-ओ-खास गमछे और रुमाल का इस्तेमाल कोरोना से बचाव में कर सकेंगे। मालूम हो कि इंदौर देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है।
मालूम हो कि जिलाधिकारी मनीष सिंह ने एक आदेश में कहा था कि जिले की सीमाओं के भीतर सभी लोगों के लिए बाध्यकारी होगा कि वे अपने घर के बाहर अनिवार्य रूप से सर्जिकल मास्क पहनकर रहेंगे। रुमाल, गमछे आदि का मास्क के रूप में इस्तेमाल किया जाना प्रतिबंधित रहेगा और इनको मास्क की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा। यह भी कहा गया था कि आदेश महामारी रोग अधिनियम 1897 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी किया गया था।
इस आदेश के आते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया था। सोशल मीडिया पर लोग सवाल खड़े कर रहे थे कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना से बचाव के लिए गमछे का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने ने भी जिला प्रशासन से संपर्क करके जनता के हित में इस आदेश को बदलने के लिए कहा था। सांसद ने कहा था कि गमछा ज्यादातर लोगों के लिए सुलभ और सुविधाजनक रहता है।
लालवानी ने कहा था कि कई लोग गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए पहले ही गमछे और रुमाल का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। फरमान का विरोध होने के बाद जिलाधिकारी ने अब अपने पुराने आदेश में बदलाव करते हुए कोरोना से बचाव के साधन के रूप में गमछे और रुमाल पर लगी पाबंदी हटा दी है। संशोधित आदेश में कहा गया है कि अब लोग मास्क के साथ ही गमछा और दो परतों वाली रुमाल का इस्तेमाल कर सकेंगे।