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Covid-19 Vaccine : अदार पूनावाला बोले, वैक्सीन कंपनियों को मुकदमेबाजी से सुरक्षा प्रदान करे सरकार

पूनावाला का यह बयान इस मायने में अहम है क्योंकि पिछले महीने सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले एक वॉलंटियर ने दावा था कि वैक्सीन लगवाने के बाद उसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल साइड-इफेक्ट्स हुए थे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 11:04 PM (IST)
Covid-19 Vaccine : अदार पूनावाला बोले, वैक्सीन कंपनियों को मुकदमेबाजी से सुरक्षा प्रदान करे सरकार
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ ने कानून बनाने का किया आग्रह

नई दिल्ली, प्रेट्र। वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने सरकार से वैक्सीन निर्माताओं को मुकदमेबाजी से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। पूनावाला ने कहा कि सरकार को इसके लिए एक कानून बनाना चाहिए, ताकि कंपनियां वैक्सीन बनाने पर ध्यान दें न कि मुकदमेबाजी में उलझी रहें।

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पूनावाला ने वैक्सीन निर्माण को लेकर चुनौतियों पर वर्चुअल पैनल परिचर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वैक्सीन निर्माता इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजने वाले हैं। उन्होंने आशंका जताई कि वैक्सीन के दुष्परिणाम पर वैक्सीन निर्माताओं के खिलाफ मुकदमेबाजी हो सकती है, ऐसे में सरकार को कंपनियों की सुरक्षा के लिए कानून लाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोवैक्स और अन्य देशों में इस संबंध में पहले से ही चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

अमेरिका में वैक्सीन निर्माताओं को की गई है सुरक्षा प्रदान 

पूनावाला ने कहा, 'खासकर यह अहम है कि सिर्फ महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माताओं को मुकदमेबाजी से सुरक्षा देनी चाहिए। अगर वैक्सीन के किसी बुरे असर का दावा किया जाता है और मीडिया में उसे बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है तो लोगों में भी वैक्सीन लगवाने को लेकर डर रहेगा और वैक्सीन निर्माता भी दिवालिया हो जाएंगे या पूरे दिन मुकदमेबाजी से निपटने और मीडिया को सफाई देने में ही व्यस्त रहेंगे।' उन्होंने अमेरिका का उदाहरण भी दिया, जहां महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माताओं को गंभीर विपरीत असर को लेकर मुकदमों से सुरक्षा प्रदान की गई है।

सीरम इंस्टूट्यूट समेत अन्य को पांच करोड़ रुपये की मांग का मिला था कानूनी नोटिस

पूनावाला का यह बयान इस मायने में अहम है, क्योंकि पिछले महीने सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले एक वॉलंटियर ने दावा था कि वैक्सीन लगवाने के बाद उसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल साइड-इफेक्ट्स हुए थे। उसने इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट और अन्य को पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग वाला कानूनी नोटिस भी भेजा था और ट्रायल रुकवाने की कोशिश की थी। सीरम इंस्टीट्यूट ने इन आरोपों को खारिज किया था। सीरम ने कहा था, 'यह स्पष्ट है कि इस तरह की दुर्भावनापूर्ण जानकारी को फैलाने का मकसद गलत है।' सीरम ने केस करने की धमकी दी थी और 100 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगने की बात कही थी।


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