राष्ट्रपति से सीआइसी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की अपील
केंद्र सरकार ने हाल ही में सीआइसी और आइसी की सेवा शर्तो में बदलाव का प्रस्ताव किया था, जिसका नागरिक संगठनों और पूर्व आयुक्त ने कड़ा प्रतिकार किया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने सोमवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनसे नए मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) और सूचना आयुक्तों (आईसी) की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की अपील की है। आचार्युलु ने कहा है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के मुताबिक इनकी अवधि, रूतबा और वेतन के संबंध में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होनी चाहिए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में आचार्युलु ने कहा है कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की अवधि, रूतबा और वेतन का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा नहीं होगा, जैसा कि मौजूदा सरकार आरटीआइ एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के जरिए करने जा रही है।
आरटीआइ एक्ट के मुताबिक सीआइसी और आइसी की मियाद पांच साल या 65 साल तक की उम्र जो पहले हो वह तय है। सीआइसी और आइसी के वेतन और भत्ते ठीक वैसे ही होंगे जैसा कि क्रमश: मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में सीआइसी और आइसी की सेवा शर्तो में बदलाव का प्रस्ताव किया था, जिसका नागरिक संगठनों और पूर्व आयुक्त ने कड़ा प्रतिकार किया था।