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सरहद पर कई बार हुई सिर कलम की वारदातें, जानिए क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय कानून

सरहद पर पाकिस्‍तानी सेना ने भारतीय जवान के साथ बर्बरता दिखाई है। आ‍खिर इस जघन्‍य अपराध के लिए क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय कानून।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 01:15 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 04:01 PM (IST)
सरहद पर कई बार हुई सिर कलम की वारदातें, जानिए क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय कानून
सरहद पर कई बार हुई सिर कलम की वारदातें, जानिए क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय कानून

नई दिल्‍ली [ जागरण स्‍पेशल ] । यह पहला मौका नहीं है, जब सरहद पर पाकिस्‍तानी सेना ने भारतीय जवान के साथ बर्बरता दिखाई है। आ‍खिर इस जघन्‍य अपराध के लिए क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय कानून। आइए जानते है उन कानूनों और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के प्रावधानों के बारे में। पाक सेना की बर्बरता को लेकर एक बार फ‍िर मामला गरम है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के मेंढर सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने भारतीय जवान के शव के साथ बर्बरता की है। हालांकि, यह पहली दफा नहीं है कि पाक सेना ने भारतीय सैनिकों के शवों के साथ ऐसी हरकत की हो। इससे पहले भी जवानों के साथ दिल दहला देने वाली बर्बरता सामने आई है।

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1- वर्ष 2008 में पाक सेना ने काटा जवान का सिर

पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने जून 2008 में केल सेक्टर में एक भारतीय जवान का गला रेत कर हत्‍या कर दी थी। सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान उक्‍त सैनिक रास्ता भटक गया और वह पाकिस्‍तान की सीमा में प्रवेश कर गया। बाद में उक्‍त भारतीय सैनिक का शव बिना सिर के बरामद हुआ। उसके बाद जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने भी चार पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काटे। इसमें पाकिस्तान के आठ जवान मारे गए थे।

वर्ष 2013 में दो जवानों का काटा था सिर

जनवरी 2013 में को दो भारतीय सैनिकों-हेमराज एवं सुधाकर की पाक सेना ने बेरहमी से हत्या की थी। हालांकि भारतीय सेना ने इस पर जवाबी कार्रवाई नहीं की। दोनों भारतीय सैनिकों के सिर को पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स अपने साथ ले गए थे। पाक सेना के साथ जैश और लश्‍कर के आतंकी भी शामिल थे।

वर्ष 2016 को माछिल सेक्टर में पाक सेना की करतूत सामने आई

नवंबर 2016 में माछिल सेक्टर में एक भारतीय सैनिक के शव को क्षत-विक्षत किया गया। इस दौरान भारतीय सेना गश्त लगा रही थी। भारतीय सेना की टुकड़ी पर घुसपैठियों ने घात लगाकर हमला किया। इस हमले में तीन भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसमें से एक जवान का शव को क्षत-विक्षत कर दिया था।

क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय कानून

अंतरराष्ट्रीय सीमा या फिर नियंत्रण रेखा पर सैनिकों या उनके शवों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए, इस बारे में अंतरराष्ट्रीय कानून मौन नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक शवों से छेड़छाड़ अपराध है। इस बारे में कानून पूरी तरह साफ है। जिनेवा कनवेंशन से लेकर ऑक्सफ़ोर्ड मैनुअल तक में यह स्‍पष्‍ट कहा गया है कि शवों के साथ किसी तरह की बदसलूकी या छेड़छाड़ की इजाज़त किसी देश की सेना को नहीं है।

जिनेवा कनवेंशन के अनुसार मुठभेड़ या किसी और वजह से मारे गए शख़्स के शव का सम्मान किया जाना चाहिए। 1880 के ऑक्सफ़ोर्ड मैनुएल के मुताबिक़ युद्ध में शव के साथ बर्बरता पर पूरी अनुचित है और इस पर पाबंदी भी है। इंटरनेशनल कमेटी ऑफ़ द रेड क्रॉस के अनुसार सैनिकों के शवों के साथ छेड़छाड़ पर सख्‍त मनाही है। इसे क़ानून के तौर पर 1907 के हेग कनवेंशन में अपनाया गया। इसके बाद इसे जिनेवा कनवेंशन में भी सम्‍मलित कर लिया गया।

क्‍या है इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट

युद्धापराध की स्थिति में यह मामला इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में उठाया जा सकता है। लेकिन यह नियम युद्ध की स्थिति में लागू होता है। पीड़‍ित देश कोर्ट में जा सकता है। आरोप साबित होने पर आरोपी देश के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। भारत भी इस मामले को यहां उठा सकता है, लेकिन दिक्‍कत यह है कि भारत और पाकिस्‍तान इसका हिस्‍सा नहीं हैं।


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