योगा करके डर का भूत भगा रहा है आतंकी अबू जुंदाल
आर्थर रोड जेल में कसाब के लिए बने अंडा सेल में ट्रांसफर होने के बाद से 26/11 हमले का आरोपी जुबैउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल काफी डरा हुआ है। उसे दिन-रात मौत का भय सताने लगा है। मुंबई हमले में जिंदा बचे एकमात्र पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को फांसी के दिन 21 नवंबर तक जिस वार्ड नंबर 12 के अंडा सेल
मुंबई। आर्थर रोड जेल में कसाब के लिए बने अंडा सेल में ट्रांसफर होने के बाद से 26/11 हमले का आरोपी जुबैउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल काफी डरा हुआ है। उसे दिन-रात मौत का भय सताने लगा है।
मुंबई हमले में जिंदा बचे एकमात्र पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को फांसी के दिन 21 नवंबर तक जिस वार्ड नंबर 12 के अंडा सेल में बंद रखा गया था, जुंदाल को उसी सेल में रखा गया है। हालांकि उसके इर्द-गिर्द उस तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जैसा कसाब के आसपास रहता था।
सूत्रों के अनुसार, जुंदाल इस ब्रुलेट और बम प्रूफ सेल में अपने डर को भगाने के लिए योगा का सहारा ले रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुंदाल सुबह पांच बजे उठता है और उसका ज्यादातर समय 2006 में औरंगाबाद हथियार जब्ती मामले के चार्जशीट को पढ़ने में बिताता है।
गौरतलब है कि मुंबई हमला मामले में एटीएस ने जुंदाल के खिलाफ 7 फरवरी को दूसरा चार्जशीट दाखिल किया है। सीजेएम एडी सावंत की अदालत में दाखिल 58 पेज के इस चार्जशीट में जुंदाल पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि हमलावर को उसने हिंदी और मुंबई की भाषा सिखाई थी और जब हमला हुआ तब वह आतंकियों के पाकिस्तान स्थित कंट्रोल रूम में मौजूद था।
अबू जुंदाल को पिछले साल जून में सऊदी अरब में गिरफ्तार कर भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया था। उसे पहले दिल्ली से मुंबई फिर दिल्ली भेजकर मंगलवार को फिर मुंबई लाया गया।
जुंदाल के खिलाफ औरंगाबाद हथियार जब्ती व मुंबई हमला मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया गया, लेकिन दोनों ही मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
अमूमन आरोपियों को अलग - अलग बैरकों में रखा जाता है। जो खतरनाक अंडरवर्ल्ड डॉन होते हैं , उन्हें अंडा सेल में रखा जाता है , पर आर्थर रोड जेल का यार्ड किसी भी बैरक या सेल से खासा बड़ा है।
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