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झूठा निकला तीन साल की बच्ची के अपहरण का मामला, मां ने ही फैलाई थी अफवाह

उत्तर प्रदेश के ललितपुर से रविवार को तीन साल की बच्ची का अपहरण कर अपहरण कर्ता के ट्रेन से मध्य प्रदेश के भोपाल की ओर भागने की घटना में कई झूठ सामने आ रहे हैं। बच्ची की मां ने जिसे अपहरणकर्ता बताया था वह बच्ची का पिता ही था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 06:15 AM (IST)
झूठा निकला तीन साल की बच्ची के अपहरण का मामला, मां ने ही फैलाई थी अफवाह
बच्‍ची के अपहरण की फाइल फोटो, जो बाद में झूठी निकली।

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। उत्तर प्रदेश के ललितपुर से रविवार को तीन साल की बच्ची का अपहरण कर अपहरण कर्ता के ट्रेन से मध्य प्रदेश के भोपाल की ओर भागने की घटना में कई झूठ सामने आ रहे हैं। बच्ची की मां आशा देवी ने जिसे अपहरणकर्ता बताया था, वह बच्ची का पिता ही था। मामले में जीआरपी ललितपुर के अधिकारियों की भी गंभीर लापरवाही सामने आई है। उन्होंने महिला के आरोपों की सच्चाई जाने बिना ही ललितपुर से भोपाल तक रेलवे अधिकारियों को अपहरण की सूचना दे दी। इस कारण ललितपुर, झांसी और भोपाल के बीच दो घंटे तक रेलवे में हड़कंप मचा रहा था।

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ललितपुर से भोपाल के बीच स्टापेज है ही नहीं

घटनाक्रम में बताया गया था कि रेलवे ने बच्ची को बचाने के लिए ललितपुर से चली राप्तीसागर एक्सप्रेस को बीच में कहीं भी न रोकते हुए सीधे भोपाल लाने का निर्णय लिया और यहां जीआरपी ने कथित अपहरण कर्ता को पकड़ लिया। यह बात तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि राप्तीसागर एक्सप्रेस का ललितपुर से भोपाल के बीच स्टापेज ही नहीं है।

यदि ट्रेन का बीच के किसी स्टेशन पर स्टापेज होता तो ट्रेन को निर्धारित स्टेशन पर नहीं रोकने से सैकड़ों यात्री परेशान होते। इधर, महिला की सूचना झूठी साबित होने के तीसरे दिन मंगलवार शाम तक भी उस पर ललितपुर जीआरपी ने गुमराह करने का मामला दर्ज नहीं किया है। जीआरपी झांसी के थाना प्रभारी अरविंद कुमार सरोज का कहना है कि महिला ने लिखित में सूचना नहीं दी थी, इसलिए उस पर गुमराह करने का केस दर्ज नहीं कर सकते।

यूं शुरू हुई गफलत

ललितपुर निवासी आशा देवी ने ललितपुर जीआरपी को बताया था कि उसकी बेटी का कोई अपहरण कर रेलवे स्टेशन की ओर गया है। इस आधार पर झांसी जीआरपी, आरपीएफ ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले तो अज्ञात व्यक्ति रविवार शाम सात बजे ललितपुर स्टेशन से राप्तीसागर एक्सप्रेस में बैठता दिखा। इस आधार पर भोपाल व झांसी को सूचना दी गई थी। रेलवे ने तय किया कि ललितपुर से भोपाल के बीच ट्रैक खाली रखें। राप्तीसागर को बीच में कहीं भी नहीं रोकने के निर्देश थे। ट्रेन जैसे ही रात 8.43 बजे भोपाल पहुंची, पहले से तैनात बल ने कोच एस-2 से बच्ची व कथित अपहरण कर्ता को पकड़ लिया। पूछताछ में बच्ची को लाने वाले संतोष पांडे ने बताया कि बच्ची तो उसकी बेटी है। तब मामले की हकीकत पता चली।

महिला ने बच्ची के अपहरण की जानकारी दी लेकिन यह नहीं बताया था कि ले जाने वाला उसका पति है। ट्रेन स्टेशन से निकल चुकी थी और समय कम था, इसलिए सबसे पहले बच्ची को छुड़ाना था, इस वजह से महिला से सख्ती से पूछताछ नहीं की थी। 

अरविंद कुमार सरोज, जीआरपी थाना प्रभारी झांसी

हमें बच्ची के अपहरण की सूचना मिली थी, इस वजह से सभी जगह आरपीएफ को अलर्ट पर रखा था। बाद में पता चला कि बच्ची को ले जाने वाला उसका पिता है। 

- जतिन बी राज, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, झांसी 

जो सूचना ललितपुर व झांसी से मिली थी, उस आधार पर भोपाल में हमने कार्रवाई की। महिला को सख्त हिदायत दी है कि दोबारा वह गुमराह करने वाली सूचना न दे। 

- आरएन रावत, एसआइ, जीआरपी, भोपाल 


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