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मौत से हार गई फलक

सर्फ दो साल की उम्र में ही दुनिया की वहशियाना शक्ल देख चुकी फलक अंतत: जिंदगी की जंग हार गई। गुरुवार रात 9.40 बजे एम्स के ट्रामा सेंटर में आखिरी सांस ली।

By Edited By: Published: Fri, 16 Mar 2012 08:19 AM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2012 07:16 PM (IST)

नई दिल्ली। सिर्फ दो साल की उम्र में ही दुनिया की वहशियाना शक्ल देख चुकी फलक अंतत: जिंदगी की जंग हार गई। गुरुवार रात 9.40 बजे एम्स के ट्रामा सेंटर में आखिरी सांस ली।

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कई दिनों तक सुर्खियों में रही फलक उस समय चर्चा में आई जब 18 जनवरी को चौदह वर्षीय किशोरी ने उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। उसके शरीर में कई जगह फ्रैक्चर थे। जलाए जाने के भी निशान थे। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक कुछ ही दिन पहले हालत सुधरने पर फलक को वेंटिलेटर से हटाकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। डॉक्टर उसकी हालत को लेकर आश्वस्त थे।

यहां तक कि डॉक्टरों के अनुसार एक हफ्ते में उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद थी। लेकिन अचानक गुरुवार को तबियत बिगड़ी और हमेशा के लिए कोमल ने आंखें बंद कर लीं। एम्स ट्रॉमा सेंटर प्रमुख डॉ. एमसी मिश्रा के अनुसार फलक की मौत हार्ट अटैक के चलते हुई है। यह तीसरा अटैक था। इससे पहले फलक को 20 जनवरी और 21 जनवरी को भी हार्ट अटैक हुआ था।

मानव तस्करी का शिकार

-फलक मामले ने मानव तस्करी के गोरखधंधे से पर्दा उठा दिया था। पुलिस अब तक 11 लोगों को आरोपी बना उनकी गिरफ्तारी कर चुकी है। कोमल को 18 जनवरी को एक चौदह वर्षीय किशोरी ने एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था।

डॉक्टरों के पूछने पर किशोरी ने खुद को बच्ची की मां होने का दावा करते हुए चोट की वजह गिरना बताया था। शक होने पर डॉक्टरों ने पुलिस को खबर कर दी। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि वह फलक की मां नहीं है। फलक को चोट गिरने से नहीं, बल्कि पिटाई व जलने की है। कई जगह फ्रैक्चर भी थे।

असल खलनायक राजकुमार

-तहकीकात में पता चला कि जो किशोरी फलक को लेकर अस्पताल पहुंची थी, घर से भागी थी। राजकुमार नाम के युवक के संपर्क में आने पर उसके साथ महिपालपुर में किराए पर रहने लगी थी। राजकुमार ने ही फलक को लाकर उसे सौंपा था।

किशोरी को अकेला छोड़ पहले से शादीशुदा राजकुमार मुंबई चला गया था। बच्ची रोती तो किशोरी उसे चुप कराती। ना चुप होने पर वह उसकी पिटाई भी कर देती थी। घटना वाले दिन फलक द्वारा शौच कर देने पर किशोरी जब उसे साफ करने बाथरूम में लेकर गई तो वह हाथ से छूटकर फर्श पर गिर गई। जिससे उसे गंभीर चोट आई। जांच में पता चला किशोरी के साथ भी कई बार दुष्कर्म हुआ था। घर छोड़ने के बाद देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं के संपर्क में आई किशोरी को बेचने का प्रयास भी हुआ था।

मां को ढाई लाख में बेचा

-राजकुमार पहले से शादीशुदा था। उसे फलक मनोज नामक युवक से मिली थी। पुलिस ने तहकीकात करते हुए एक के बाद एक गिरफ्तारी शुरू की तो सामने आया कि फलक की मां को ढाई लाख रुपये में राजस्थान में बेच दिया गया था। उसके तीन बच्चे थे। जिन्हें अलग-अलग लोगों के हवाले कर दिया गया था।

पुलिस ने फलक की मां मुन्नी को बरामद कर उसकी साढ़े तीन साल की पुत्री को बिहार एवं पांच साल के बेटे को दिल्ली से बरामद किया था। फिलहाल नारी निकेतन में मुन्नी के पास उसके दोनों बच्चे मौजूद हैं।

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