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बेटा पाने के लिए खुद को रखा बंधक

एक पिता द्वारा खुद को बंधक रख पुत्र को मुक्त कराने का सनसनीखेज मामला बिहार में प्रकाश में आया है। संतान धर्म का यह उदाहरण पेश किया है जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बापूग्राम गांव निवासी हरिनंदन मांझी ने। उसने हिमाचल प्रदेश में खुद को 'बंधक' बनाकर अपने 11 वर्षीय पुत्र जमुना को मुक्त कराया।

By Edited By: Published: Fri, 30 Dec 2011 01:16 AM (IST)Updated: Fri, 30 Dec 2011 01:33 AM (IST)
बेटा पाने के लिए खुद को रखा बंधक

गया, जागरण संवाददाता। एक पिता द्वारा खुद को बंधक रख पुत्र को मुक्त कराने का सनसनीखेज मामला बिहार में प्रकाश में आया है। संतान धर्म का यह उदाहरण पेश किया है जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बापूग्राम गांव निवासी हरिनंदन मांझी ने। उसने हिमाचल प्रदेश में खुद को 'बंधक' बनाकर अपने 11 वर्षीय पुत्र जमुना को मुक्त कराया।

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जानकारी के मुताबिक हरिनंदन के पुत्र जमुना को गांव में ही सक्रिय दलाल प्रकाश मांझी पढ़ाने के नाम पर दो माह पहले हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले के लप्चंग गांव ले गया था। प्रकाश ने वहां जमुना को 14 हजार रुपये में दोरजे अंगरूप नामक व्यक्ति के हाथ बेच दिया। दोरजे अंगरूप जमुना से मजदूरी कराने लगा। उससे ऊंचे पहाड़ पर पीठ पर लकड़ी लादकर पहुंचाना और घर में साफ-सफाई, गोबर साफ करने, बर्तन मांजने का काम लिया जाता था। ठीक से भोजन न मिलने और मेहनत के कारण जमुना बीमार पड़ गया। तबीयत अच्छी नहीं होने पर दोरजे अंगरूप ने उसके पिता हरिनंदन मांझी को जमुना को ले जाने के लिए बुलाया। उसने यह भी कहा कि वह 14 हजार रुपये लेकर आए। इस बात की जानकारी हरिनंदन मांझी ने परिचित सरकारी कर्मी राजनंदन प्रसाद को पूरी बात बताई। इसके बाद हरिनंदन मांझी ने अपने बेटे को मुक्त कराने के लिए बैलों की जोड़ी नौ हजार रुपये में बेच दी। राजनंदन और हरिनंदन मांझी ट्रेन से 22 दिसंबर को गया से लुधियाना के लिए चले। इन लोगों ने जमुना के साथ लौटने का भी टिकट आरक्षित करा लिया था।

जब दोनों 25 दिसंबर को मनाली बस स्टैंड पहुंचे तो दोरजे अंगरूप को फोन से अपने आने की सूचना दी। उधर, दोरजे ने 14 हजार रुपये लेकर आने की शर्त को दुहराया। लेकिन इन दोनों के पास उतने पैसे नहीं बचे थे। इसके बावजूद दोनों 18 किलोमीटर पैदल चलकर लप्चंग गांव पहुंचे। यहां पहुंचने पर दोनों ने जमुना को साथ लेकर जाने की बात कही। लेकिन दोरजे 14 हजार रुपये लौटाने की शर्त पुन: रख दी। जिसे देने में असमर्थ हरिनंदन मांझी ने स्वयं को दोरजे के यहां 'बंधक' रख दिया और अपने बेटे जमुना को राजनंदन के साथ घर भेज दिया। गुरुवार को जमुना को लेकर राजनंदन प्रसाद यहां लौटे हैं। अब पूरे मामले को पुलिस की जानकारी में लाकर कार्रवाई की मांग की जाएगी।

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