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रेलवे का दावा- बंगाल में CAA विरोधी आंदोलन के चलते हुआ 84 करोड़ का नुकसान

सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में रेलवे को 84 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 07:49 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 07:59 PM (IST)
रेलवे का दावा- बंगाल में CAA विरोधी आंदोलन के चलते हुआ 84 करोड़ का नुकसान
रेलवे का दावा- बंगाल में CAA विरोधी आंदोलन के चलते हुआ 84 करोड़ का नुकसान

कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल में गत 13 से 15 दिसंबर के बीच नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ हुए आंदोलनों के दौरान हिंसा में रेलवे को 84 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष दाखिल की गई रिपोर्ट में भारतीय रेलवे ने यह दावा किया है।

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पूर्वी रेलवे ने मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति ए बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को एक हलफनामे में कहा कि विरोध प्रदर्शन की वजह से उसे 72.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हलफनामे में बताया गया कि सबसे अधिक 46 करोड़ रुपये का नुकसान सियालदह डिवीजन में हुआ। इसके अलावा मालदा डिविजन में 24.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उधर, दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एक अलग हलफनामे में कहा कि उसे 12.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मामले पर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

अकेले इस्‍टर्न रेलवे को ही 70 करोड़ का नुकसान

बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवियों ने रेलवे की संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया था। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया था कि इस दौरान हुई हिंसा में रेलवे की 80 करोड़ रुपये की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने नुकसान की क्षतिपूर्ति उन उपद्रवियों से करने को कहा जिनका नाम आगजनी एवं हिंसा की ऐसी वारदातों में सामने आया है। उन्‍होंने बताया था कि अकेले इस्‍टर्न रेलवे को ही 70 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है। नार्थइस्‍ट फ्रंटियर रेलवे को 10 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। 

सीएए के विरोध में विपक्षी दल

बता दें कि कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं। असम, दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक के अलावा कई राज्‍यों में इस कानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवियों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को भी सख्त कदम उठाने पड़े हैं।


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