Move to Jagran APP

आठ हजार महिलाएं चला रहीं अपना बैंक, 10 साल में जमा की इतने करोड़ की पूंजी

10 साल में चार करोड़ की पूंजी वाला बैंक बनाया, सूदखोरों के मकड़जाल से मुक्त हुईं मध्य प्रदेश के बालाघाट की आदिवासी महिलाएं

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 11:02 AM (IST)
आठ हजार महिलाएं चला रहीं अपना बैंक, 10 साल में जमा की इतने करोड़ की पूंजी
आठ हजार महिलाएं चला रहीं अपना बैंक, 10 साल में जमा की इतने करोड़ की पूंजी

श्रवण शर्मा (बालाघाट)। कल तक हाथों में कुल्हाड़ी लेकर जंगल में पेड़ काटती थीं। दो जून की रोटी तो छोड़िए चूल्हा जलाने का ही इंतजाम कर पाती थीं। छोटी-छोटी जरुरतों के लिए सूदखोंरों से उधार लेना पड़ता था। खेती के लिए बैंकों से कर्ज। लेकिन गत 10 वर्षों में हालात पूरी तरह बदल गए। बालागाट, मप्र के नक्सल प्रभावित परसवाड़ा क्षेत्र की ग्रामीण आदिवासी महिलाएं अब चार करोड़ की पूंजी वाले अपने ही बैंक के सदस्य हैं। इन महिलाओं ने सामूहिक प्रयास से तरक्की की मिसाल पेश की है।

loksabha election banner

जैविक खेती से चावल और सब्जी उत्पादन में सफलता हासिल कर इन आठ हजार से अधिक महिलाओं ने अपने घर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती दी है। दस-दस रुपए की पूंजी से शुरू हुई बचत 10 साल में चार करोड़ तक पहुंच गई है। महिलाएं अपने इस बैंक से ही कर्ज लेती हैं, वह भी बिना ब्याज पर और इसी में पैसे जमा करती हैं। जिन गांवों में सिंचाई का साधन नहीं है, वहां पर सामूहिक पूंजी से महिलाओं ने ट्यूबवेल खुदवाया है।

वह अपनी उपज इकट्ठा करके एक साथ बाजार में भेजती हैं। 152 गांवों के 175 समूहों में आठ हजार महिलाएं एक-दूसरे की मदद से आगे बढ़ रही है। 400 प्रशिक्षित महिलाएं गांव-गांव जाकर समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। करीब साढ़े चार हजार महिलाएं जैविक कृषि कर रही हैं। मिर्च, टमाटर से लेकर अन्य सब्जियों की खेती कर रही है। वहीं 300 महिलाएं बकरी पालन और इसी तरह करीब 650 महिलाएं मुर्गी पालन कर रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.