कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बढ़े हाथ, 70 हजार अतिथि शिक्षक देंगे एक दिन का वेतन
मध्य प्रदेश के के 70 हजार अतिथि शिक्षकों ने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। कोरोना को लेकर जारी इस संकट की घड़ी में मध्य प्रदेश में भी लोगों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। भोपाल की बरकतउल्ला विवि, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि समेत प्रदेश के कई सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसरों ने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है। 70 हजार अतिथि शिक्षक भी एक दिन का मानदेय मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
इंदौर से मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में दवाइयां व अन्य सामग्री लेकर रोजाना 10 से ज्यादा ट्रक जाएंगे। इसके लिए कलेक्टर लोकेश जाटव ने आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी को रोजाना वाहनों की व्यवस्था करने के लिए कहा है।
इस्तीफा लिया वापस
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते श्योपुर जिला अस्पताल के डॉ. संजय जैन ने इस्तीफा वापस ले लिया है। जिला क्षय केंद्र में पदस्थ डॉ. जैन ने 28 फरवरी को सिविल सर्जन डॉ. आरबी गोयल को इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे में एक महीने पहले पूर्व की सूचना थी, जिसके तहत 28 मार्च को डॉ. जैन अपनी सेवाएं बंद कर देते, लेकिन इसी बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती देख डॉ. जैन ने शुक्रवार को इस्तीफा वापस ले लिया है।
नेता भी आए आगे
कोरोना से निपटने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 50 लाख, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 25 लाख और सांसद विवेक तन्खा ने सांसद निधि से 60 लाख रुपये दिए हैं। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने भी मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक लाख रपये देने की घोषणा की है। कें द्रीय संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने दमोह संसदीय क्षेत्र के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य कें द्रों के लिए 75 लाख रुपये की राशि सांसद निधि से दी है। यह राशि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक चिकि त्सीय सामग्री खरीदने के लिए प्रदान की है।