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7 साल के बच्चे ने रचा इतिहास, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

हैदराबाद के 7 वर्षीय समन्यु पोथुराजु ने रचा इतिहास। अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटीमाउंट किलिमंजारो पर फहराया तिरंगा।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 11:21 AM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 08:08 PM (IST)
7 साल के बच्चे ने रचा इतिहास, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा
7 साल के बच्चे ने रचा इतिहास, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

हैदराबाद (एएनआइ)। सात साल के बच्चे ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर देश को फक्र होगा। हैदराबाद के सात साल के पर्वातारोही समन्यु पोथुराजु ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर फतह हासिल की है। पोथुराजु ने अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया है। पोथुराजु ने साबित कर दिखाया है कि अगर छोटी सी उम्र में भी हौसलों की उड़ान बुलंद हो तो, बड़ी सी बड़ी मुश्किलों की राह को भी आसानी से पार कर लिया जाता है।

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2 अप्रैल को माउंट किलिमंजारो पर फहराया तिरंगा

कहा जाता है कि अफ्रीका के तंजानिया के माउंट किलिमंजारो ऐसा पर्वत है जहां ठंड की वजह से अच्छे-अच्छे घबरा जाएं, सात वर्षीय पोथुराजु ने इस पर जीत हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। दो अप्रैल को समन्यु पोथुराजु ने अपने कोच के साथ समुद्र तल से 5,895 मीटर ऊंचाई पर तिरंगा फहराया। अपनी इस जीत पर समन्यु ने कहा, 'जब मैंने चढ़ाई शुरू कि तब बारिश हो रही थी और रास्ता पत्थरों से भरा हुआ था। मैं डर गया था और मेरे पैरों में तेज दर्द भी हो रहा था, लेकिन मैंने थोड़ा सा आराम किया और फिर बाकी की चढ़ाई पूरी की। मुझे बर्फ बहुत पसंद है और इसलिए मैंने माउंट किलिमंजारो को चढ़ाई के लिए चुना।

'मुझे अभिनेता पवन कल्याण बहुत पसंद हैं'

समन्यु को दक्षिण फिल्मों के अभिनेता पवन कल्याण बहुत पंसद हैं। उन्होंने कहा, 'मां ने मुझसे वादा किया था कि अगर मैंने विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की तो वह मुझे पवन से मिलवाएंगी और अब मुझे इसका इंतजार है।'

समन्यु का अलगा लक्ष्य है ऑस्ट्रेलिया

समन्यु ने कहा कि वह अब अलगे महीने ऑस्ट्रेलिया पीक की चढ़ाई करेंगे और विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। बता दें कि समन्यु अफ्रीका की इस चोटी पर जाने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही हैं। इस कठीन सफर में समन्यु की मां लवन्या और कोच भी उनके साथ थे। इसके अलावा साथी पर्वारोही शांगाबांदी सरूजाता और एक अन्य महिला और तंजानिया के एक स्थानीय चिकित्सक भी उनके साथ थे।

बेटे की सफलता से खुश: समन्यु की मां

समन्यु की मां ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मेरे बेटे ने विश्व रिकॉर्ड हासिल करने की कोशिश की। वहां पहुंचने के बाद स्वास्थ्य कारण के चलते मैं आधे रास्ते में ही रुक गई। लेकिन मेरे बेटे ने तब तक हार नहीं मानी जब तक का गंतव्य तक नहीं पहुंच गया। मैं बहुत ज्यादा परेशान और चिंतित थी क्योंकि वहां कि जलवायु परिस्थितियां अलग थीं।' उनकी मां का कहना है कि समन्यु मई तक 10 चोटियों पर चढ़ाई कर रेकॉर्ड बनाने की कोशिश करना चाहता है। बता दें कि उन्होंने 29 मार्च को चढ़ाई शुरू की थी और यह सफर पांच दिनों में पूरा किया।


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