65 साल के वृद्ध ने बाघिन से संघर्ष कर बचाई अपनी जान, जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश के छतरपुर में 65 साल के एक वृद्ध ने हमला करने वाली बाघिन से न केवल संघर्ष किया बल्कि अपनी जान भी बचाई।
छतरपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के छतरपुर में 65 साल के एक वृद्ध ने हमला करने वाली बाघिन से न केवल संघर्ष किया बल्कि अपनी जान भी बचाई। यही नहीं, वह जंगल से निकलकर वन चौकी तक पहुंचे और मामले की सूचना दी। लाठी के प्रहार से बाघिन तो भाग गई, लेकिन हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
छतरपुर जिले के सटई थाना क्षेत्र के गांव अमरौनिया के जंगल में यह घटना हुई। नथुआ अहिरवार गाय को तलाशने के लिए पन्ना नेशनल पार्क के जंगल में गए थे। वह जंगल में गाय को तलाश ही रहे थे कि एक पेड़ की ओट में अपने शावक के साथ बैठी बाघिन ने उन पर झपट्टा मार दिया।इससे उनके मुंह और आंखों में गंभीर चोटें आ गई। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी लाठी से बाघिन पर प्रहार करने शुरू कर दिए। जिला अस्पताल में भर्ती वृद्ध नथुआ के अनुसार उन्होंने लाठी से उसे दो-तीन बार मारा। इसी दौरान एक बार जैसे ही लाठी बाघिन के मुंह में घुंसी, वह अपने बच्चे के साथ भाग खड़ी हुई। इसके बाद लहूलुहान नथुआ पास की मझगुंवा वन चौकी तक पहुंचे। वहां मौजूद वनरक्षक फेरन सिंह ने अमरौनिया के ग्रामीणों व परिजन को खबर दी। परिजन मौके पर पहुंचे और गंभीर घायल वृद्ध को जिला अस्पताल ले गए।
महज एक हजार रुपये दे गए वनकर्मी
घायल वृद्ध को इलाज के लिए तात्कालिक सहायता के रूप में वन विभाग ने महज एक हजार रुपये की मदद की है। अस्पताल में भर्ती वृद्ध ने बताया कि जब वह घायल होकर वन चौकी तक पहुंचे तो वनकर्मी ने उन्हें घायल देखकर गांव में फोन कर महज सूचना दे दी। उन्हें उठाया तक नहीं। जब गांव के लोग और उनके परिजन मौके पर आए, तब जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में वृद्ध की देखरेख कर रही उनकी बहू हीराबाई ने बताया कि वनरक्षक ने उसे के वल एक हजार रुपये दिए हैं।