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Chhattisgarh: कोरोना से बचाव के सबसे बड़े अस्त्र सैनिटाइजर के 60 फीसद सैंपल हुए फेल

अधिकारियों ने बताया कि इन सैनिटाइजर में मिथाइल एल्कोहल पाया गया जो आंख के लिए खतरनाक माना जाता है। सस्ता होने के कारण मेथेनाल का सैनिटाइजर में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही सैनिटाइजर के मार्च में लिए गए सैंपल में तीन सैंपल फेल हो गए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 09:58 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 09:58 PM (IST)
Chhattisgarh: कोरोना से बचाव के सबसे बड़े अस्त्र सैनिटाइजर के 60 फीसद सैंपल हुए फेल
औषधि विभाग ने रायपुर में नौ सैंपल लिए, जिसमें से पांच सैंपल फेल

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। कोरोनाकाल में संक्रमण से बचने छत्तीसगढ़ सरकार ने जोर-शोर से मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल का प्रचार किया तो वहीं कालाबाजारी और नकली सामान बेचने वालों ने इसे आपदा में अवसर के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में 200 से ज्यादा ब्रांड के सैनिटाइजर बिक रहे हैं, लेकिन असली और नकली की पहचान कर पाना मुश्किल है। खाद्य एवं औषधि विभाग ने राजधानी में सैनिटाइजर के जो सैंपल लिए उसमें 60 फीसद फेल हो गए। नकली सैनिटाइजर के कारोबार की शिकायत मिलने के बाद विभाग के अधिकारियों ने राजधानी रायपुर से अप्रैल और मई महीने में सिर्फ नौ सैंपल लिए, जिसमें से पांच सैंपल मानकों में खरा नहीं उतरे।

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अधिकारियों ने बताया कि इन सैनिटाइजर में मिथाइल एल्कोहल पाया गया जो आंख के लिए खतरनाक माना जाता है। सस्ता होने के कारण मेथेनाल का सैनिटाइजर में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही सैनिटाइजर के मार्च में लिए गए सैंपल में तीन सैंपल फेल हो गए। कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन) ने भी सैनिटाइजर की अस्पतालों के लिए खरीदी की थी। सीजीएमएससी के पांच सैंपल फेल हो गए थे। अब कोरोना की दूसरी लहर में खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों ने खुले बाजार से सैंपल लिए हैं। वहीं सीजीएमएससी में सप्लाई हुए सैनिटाइजर की जांच नहीं की गई है।

प्रदेश में 300 करोड़ का है सैनिटाइजर का कारोबार

कोरोना संक्रमण के बाद प्रदेश में सैनिटाइजर का कारोबार 300 करोड़ तक पहुंच गया है। प्रदेश में करीब 200 से ज्यादा ब्रांड के सैनिटाइजर बाजार में उपलब्ध हैं। जांच के अभाव में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर की बिक्री की जा रही है। खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ राजधानी रायपुर में ही सैंपल लिए गए हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नकली सैनिटाइजर का खेल चल रहा है। राजधानी में बड़े कारोबारी नकली सैनिटाइजर की पैकिंग करके बेचने का काम कर रहे हैं। अवैध सैनिटाइजर के कारोबार में लिप्त लोगों की जानकारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक केडी कुंजाम ने बताया कि जहां नकली सैनिटाइजर की शिकायत मिली है, उसकी जांच की गई है। नौ में से पांच सैंपल फेल पाए गए, जबकि चार मानक पर खरे उतरे हैं। नकली सैनिटाइजर बनाने वाले संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।


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