8% लोगों से 60% लोगों को हुआ कोरोना, 70 फीसदी लोगों का कोई कसूर नहीं...पढ़ें क्या कहती है ये स्टडी
होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग और कमरा साझा करने वाले संक्रमित शख्स का शारीरिक संपर्क और निकटता को उच्च जोखिम में गिना गया। कार या बस में यात्रा करने वाले लोगों में संक्रमण का ज्यादा खतरा बताया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि कुछ फीसदी लोगों ने ही भारी संख्या को संक्रमित कर दिया है। भारत में COVID-19 का प्रसारण मुख्य रूप से सुपर स्प्रेडर या संक्रमित लोग, जो ज्यादा संक्रमित थे उनके द्वारा फैलाया गया। भारत में सबसे बड़ी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग स्टडी में यह भी सामने आया कि बच्चे भी कोरोना वायरस के प्रसार को आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। तमिलनाडु सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार के अंदर कई शोधकर्ताओं की स्टडी में यह सामने आया।। इन्हीं राज्यों ने अपने राज्यों की स्थिति के जरीए भारत में कोरोना को लेकर कई खुलासे किए। इसमें सामने आई बातें बेहद ही गंभीर हैं।
इस स्टडी में जो मुख्य बात सामने आई वो ये कि संक्रमितों के संपर्क में जो लोग आए उनमें बदलाव आया, लेकिन बड़ा हिस्सा ऐसा था जिनसे संक्रमण नहीं फैला। रिसर्च में कहा गया कि 88616 संक्रमित मरीज, जो दोनों राज्यों में रहे, उनमें 70 फीसदी ऐसे रहे, जिनसे किसी को संक्रमण नहीं हुआ। बड़ी बात यह रही कि आठ फीसदी मरीजों ने 60 फीसदी नए लोगों को संक्रमित किया।
भारत में 5 लाख से अधिक लोगों के अध्ययन में पाया गया कि 40-69 वर्ष के लोगों में मृत्यु दर ज्यादा है। संक्रमण का सबसे बड़ा कारण यात्रा को माना गया। शोधकर्ताओं ने बच्चों में संक्रमण का एक उच्च प्रसार भी पाया। इसमें बताया गया कि 5 से 17 वर्ष के बच्चों में संक्रमण देखा गया। इनसे अपनी और इनसे अपनी आयु वर्ग के बच्चों में ट्रांसमिशन हुआ। इसमें 15.4 फीसदी बच्चे संपर्क में आकर संक्रमित हुए। 18 से 39 वर्ष की आयु वर्ग में यह दर 12.3 फीसदी रही।
रिपोर्ट में कहा गया कि अगर हम सुपर स्प्रेडर को एक घटना के लिए गलत भी मान लेते हैं, लेकिन हमारी स्टडी में संक्रमित व्यक्तियों का दसवां भाग अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा संक्रमण फैलाता पाया गया है। ...और ये भारत ही नहीं, अन्य सभी देशों में भी यह एक बड़ी भूमिका निभाता है। बताया गया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग और कमरा साझा करने वाले संक्रमित शख्स का शारीरिक संपर्क और निकटता को उच्च जोखिम में गिना गया। वहीं, कार या बस में यात्रा करने वाले लोगों में संक्रमण का ज्यादा खतरा बताया गया है।
भारत की COVID-19 टैली ने 7 अगस्त को 20-लाख का आंकड़ा पार किया था, 23 अगस्त को 30 लाख और 5 सितंबर को 40 लाख का। यह 16 सितंबर को 50 लाख हो गया और 28 सितंबर को 60 लाख को पार कर गया। भारत में बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के 86 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इस दौरान एक हजार से अधिक लोगों की मौत भी हुई है। हालांकि, देश में कोरोना से ठीक हुए लोगों की संख्या 52 लाख से अधिक हो गई है जो राहत की बात है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 86,821 मामले सामने आए हैं। इस दौरान देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1181 रही।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के अब तक कुल 63 लाख 12 हजार 585 मामले सामने आ चुके हैं। फिलहाल देश में कोरोना के 9 लाख 40 हजार 705 सक्रिय(एक्टिव) मामले हैं। देश में ठीक होने वाले लोगों की तादाद भी तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक 52 लाख 73 हजार 202 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना से मौत का आकड़ा बढ़कर 98,678 हो चुका है।