तमिलनाडु: दलित युवक की हत्या के मामले में 6 लोगों को सजा-ए-मौत
13 मार्च 2016 को उडुमालीपट्टई शहर में बस स्टॉप के पास 22 वर्षीय शंकर की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गयी थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। तमिलनाडु के तिरुपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने ऑनर किलिंग मामले में मंगलवार को 6 लोगों को फांसी की सजा सुनायी। 13 मार्च 2016 को उडुमालीपट्टई शहर में बस स्टॉप के पास बाइक पर सवार बदमाशों ने 22 वर्षीय शंकर को धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी थी।
शंकर पर हुए इस हमले में कौशल्या को भी गंभीर चोटें आयीं थी, यह हमला कौशल्या के पिता ने करवाया क्योंकि वो इस शादी से खुश नहीं थे। उन्होंने इस अंतरजातीय विवाह का विरोध किया था। पुलिस ने इस हत्या में 11 लोगों को हिरासत में लिया था, जिसमें कौशल्या के माता-पिता चिन्नास्वामी और अनलक्ष्मी और उनके मामा पांडिदुरै शामिल थे। इन लोगों पर 7 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
मंगलवार को अदालत ने चिन्नासैमी समेत पांच अन्य को मौत की सजा सुनाई, लेकिन कौशल्या की मां, चाचा और एक 16 वर्षीय किशोर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। शेष दो अभियुक्तों में, स्टीफनधनराज को आजीवन कारावास और मानिकंदन को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा की सजा सुनाई गई है।
यह था मामला
यह घटना 13 मार्च 2016 को उस समय हुई जब वी शंकर (23) पत्नी कौशल्या (19) के साथ टहल रहा था। शंकर इंजीनियरिंग का छात्र था। स्थानीय मीडिया में आए सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, उसी समय वहां बाइक से तीन लोग पहुंचे। उन्होंने धारदार हथियारों से शंकर पर हमला कर दिया। इसके बाद अज्ञात हमलावरों ने उसकी पत्नी को भी निशाना बनाया। शंकर दलित समुदाय का था। जबकि कौशल्या खुद को जमींदार मानने वाले थेवर जाति से ताल्लुक रखती है।
दोनों ने आठ महीने पहले घर से भागकर शादी की थी। पुलिस के अनुसार, इस शादी से कौशल्या के परिवार वाले बेहद नाखुश थे। पुलिस ने बताया कि कौशल्या के पिता ने स्थानीय कोर्ट में सरेंडर कर दिया है और इस हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इन्कार किया था।
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