Coronavirus: भारत में 43 विमानों के 9 हजार यात्रियों की हुई थर्मल स्क्रीनिंग, नहीं मिला कोई संदिग्ध
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर भारत में अबतक 9 हजार से अधिक यात्रियों की जांच की गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर कई देशों ने अपने यहां अलर्ट जारी किया है। चीन के बाद जापान और अमेरिका समेत कई देशों में इस वायरस के संदिग्धों की पहचान की गई है। भारत सरकार भी इस वायरस को लेकर सतर्कता बरत रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने बुधवार को बताया कि कोरोनावायरस दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता सहित देश के सात हवाई अड्डों पर मंगलवार तक कुल 43 उड़ानों और 9 हजार 156 यात्रियों की जांच की गई है। जिनमें किसी भी यात्री के शरीर में यह वायरस नहीं पाया गया है।
प्रीति सूडान ने आगे कहा कि चीन में भारतीय दूतावास नियमित रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय को उस देश में संक्रमित मामलों की स्थिति के बारे में अपडेट कर रहा है। दूतावास ने जानकारी दी है कि कोरोनोवायरस के साथ निमोनिया के कुल 440 मामलों की पुष्टि चीन में पु हुई थी और बुधवार तक इसकी वजह से नौ लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि ताइवान समेत चीन के 14 प्रांतों में यह मामले दर्ज किए गए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने बुलाई बैठक
वहीं, चीन में कोरोना वायरस (China coronavirus) से मरने वालों की संख्या छह से बढ़कर नौ हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक वायरस से अब तक 15 चिकित्सा कर्मचारी भी संक्रमित हो चुके हैं। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने पर विचार के लिए बैठक बुलाई है।
कई देशों ने जारी किया अलर्ट
कोरोना वायरस चीन से निकलकर दूसरे देशों में पांव पसार रहा है। अब तक जापान, थाइलैंड और दक्षिण कोरिया में इसके संदिग्धों की पहचान हुई है। आस्ट्रेलिया में भी चीन से लौटे एक शख्स की जांच की जा रही है। इस वायरस के खतरे को लेकर भारत समेत कई देशों ने चीन की यात्रा करने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया है।
क्या है कोरोना वायरस
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है। यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। कोरोना वायरस के मरीजों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं। इसके बाद ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है।