नक्सल इलाकों में दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए और लगेंगे 4000 मोबाइल टावर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बाबत गृह मंत्रालय द्वारा लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नक्सल इलाकों में दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार चार हजार से ज्यादा मोबाइल टावर स्थापित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बाबत गृह मंत्रालय द्वारा लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
कुल 4072 मोबाइल टावरों में 1054 टावर झारखंड, 1028 छत्तीसगढ़, 483 ओडिशा, 429 आंध्र प्रदेश, 412 बिहार, 207 पश्चिम बंगाल, 179 उत्तर प्रदेश, 136 महाराष्ट्र, 118 तेलंगाना तथा 26 टावर मध्य प्रदेश में लगाए जाएंगे। इनका खर्च यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के तहत दूरसंचार विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। इस कोष को मकसद ग्रामीण तथा सुदूरवर्ती इलाकों में गुणवत्तापूर्ण सूचना एवं संचार सेवाओं की व्यापक एवं भेदभाव रहित पहंुच सुनिश्चित करना है। टावरों के संचालन का खर्च परियोजना राशि में शामिल है।
इससे पहले नक्सल इलाकों में मोबाइल टावर लगाने की परियोजना के प्रथम चरण के तहत 3167 करोड़ रुपये की लागत से 2,329 मोबाइल टावर स्थापित किए जा चुके हैं। ये टावर आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में लगाए गए थे। अब दूसरे चरण के तहत अतिरिक्त टावर लगाकर इन राज्यों में मोबाइल संचार को और मजबूत बनाया जाएगा, ताकि सुरक्षा बलों को नक्सलियों पर पकड़ बनाने में मदद मिल सके।
नक्सल प्रभावित 90 जिलों में से 30 जिलों को इस समस्या से सर्वाधिक त्रस्त माना गया है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा के मुताबिक 44 जिले नक्सल समस्या से पूरी तरह अथवा लगभग मुक्त हो चुके हैं और अब यह समस्या केवल 30 जिलों तक सीमित रह गई है।
गत चार वर्षो में सरकार द्वारा अपनाई गई बहुस्तरीय रणनीति के परिणामस्वरूप ऐसा संभव हुआ है। इस रणनीति में हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त न करने के साथ-साथ विकास गतिविधियों को रफ्तार दी गई है ताकि क्षेत्र की अभावग्रस्त एवं गरीब जनता को नई सड़कों, पुलों तथा टेलीफोन टावरों का लाभ मिल सके।