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3डी सर्वे में खुल सकते हैं तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के प्राचीन रहस्य

ओंकारेश्वर मंदिर के 3डी सर्वे से कई लोगों को उम्मीद है कि मंदिर परिसर के कई धार्मिक रहस्य सामने आ सकेंगे।

By Digpal SinghEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 04:51 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 04:55 PM (IST)
3डी सर्वे में खुल सकते हैं तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के प्राचीन रहस्य
3डी सर्वे में खुल सकते हैं तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के प्राचीन रहस्य

खंडवा, जेएनएन। मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों और खुदाई के दौरान कई बार प्राचीन धरोहरें सामने आई हैं। ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास चल रहे निर्माण कार्य के दौरान कुछ माह पहले हुई खुदाई में सभामंडप निकलने से अन्य प्राचीन मंदिरों के यहां होने की संभावना है। मंदिर ट्रस्ट और पुरातत्व विभाग की टीम ने थ्रीडी सर्वे की तैयारी की है। इसके लिए केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही यह सर्वे शुरू होगा। इससे कई प्राचीन रहस्यों का पता चल सकता है।

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समय-समय पर ओंकारेश्वर मंदिर का जीर्णोंद्धार होता रहा है। 2005 में ओंकारेश्वर बांध निर्माण के दौरान बांध बनाने वाली कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स ने ओंकारेश्वर मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार किया था। उस समय भी मंदिर के आसपास काफी पुराने मंदिर और मूर्तियां मिली थीं। अब 3डी सर्वे से कई लोगों को उम्मीद है कि मंदिर परिसर के कई धार्मिक रहस्य सामने आ सकेंगे।

खुदाई में निकलेंगे और मंदिर
ओंकारेश्वर राजपरिवार के राजा पुष्पेंद्रसिंह ने कहा कि भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कोई साधारण मंदिर नहीं है। पूरे विश्व में एक ही स्वयंभू ज्योतिर्लिंग हैं। मंदिर के नीचे खुदाई में एक सभामंडप निकला था। मंदिर के आसपास खुदाई में इस प्रकार के और भी मंदिर निकल सकते हैं। समीप ही जूना महल भी स्थित है। भगवान द्वारकाधीश का मंदिर भी अति प्राचीन है। मंदिर के साधारण द्वार के सामने खुदाई में जो नीचे मंदिरनुमा सभामंडप निकला है उसकी तह तक जाकर पूर्ण सुरक्षा के साथ जीर्णोद्धार करना चाहिए। इस मामले में सुरक्षा को सबसे पहले ध्यान में रखते हुए सभी विभागों को कार्य करना चाहिए।

इस तरह होगा 3डी सर्वे
3डी सर्वेक्षण बहुतरंग सिद्धांत के आधार पर काम करता है। इसमें संख्यात्मक विश्लेषण, नमूने, इतिहास, मौजूदा संरचना सहित अन्य विषयों की मौजूदा स्थिति के साथ जांच की जाती है। इसमें पर्यावरण, पुरातत्व, संरचना, प्राचीन धरोहर सहित अन्य बिंदुओं के आधार पर सर्वेक्षण होगा। खगोलीय कार्यों के लिए 3डी सर्वे का सबसे अधिक उपयोग होता है।

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी राव देवेंद्रसिंह ने कहा कि मंदिर परिसर में केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने दौरा किया है। मंदिर के आसपास 3डी सर्वे कराने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया है। मंदिर के आसपास प्राचीन धरोहरों को देखने के बाद जल्द ही पुरातत्व विभाग की टीम ओंकारेश्वर में सर्वे का काम शुरू कर देगी।


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