32 साल बाद वायुसेना को मिला स्वदेशी तेजस
तीन दशक से भी अधिक समय बाद आखिरकार भारतीय वायुसेना को देश में ही निर्मित पहला हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मिल गया है। भारत ने लड़ाकू विमान निर्माण के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर लिया। सरकार ने 32 साल पहले इस परियोजना को हरी झंडी दी थी।
बेंगलुरु। तीन दशक से भी अधिक समय बाद आखिरकार भारतीय वायुसेना को देश में ही निर्मित पहला हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मिल गया है। भारत ने लड़ाकू विमान निर्माण के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर लिया। सरकार ने 32 साल पहले इस परियोजना को हरी झंडी दी थी।
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने शनिवार को एक समारोह में तेजस को वायुसेना के सुपुर्द किया। इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल अरुप राहा और दूसरे शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने संयुक्त रूप से तेजस का निर्माण किया है।
वायुसेना के साथ-साथ इसे नौसेना में भी शामिल किया जाएगा। परियोजना के आखिरी चरण तक 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है। ये विमान भारतीय वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 विमानों की जगह लेंगे।
लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही वायुसेना अब भी मिग-21 विमानों से ही काम चला रही है। वायुसेना के मुताबिक, तेजस हथियारों को ले जाने और रेंज के मामले में मिग-21 से कहीं बेहतर है। फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस कॉन्फ्रिगेशन में आने के लिए इसे अभी एक साल और इंतजार करना पड़ सकता है।
हालांकि विमान इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर सूट, मिड एयर रिफ्यूलिंग और लांग रेंज मिसाइल्स जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नहीं होगा।
दुश्मनों को चौंकाएगा
यह दुनिया का सबसे छोटा पूर्णतया स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है। इस उपलब्धि के साथ भारत चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। यह लाड़ाकू विमान होने के साथ जमीन पर हमला करने में सक्षम है। एकल इंजन युक्त इसके डैनों का डिजायन डेल्टा की तरह किया गया है। यानि कि इसका आकार त्रिभुज की तरह है।
विकास की दास्तान
- 1983: डीआडीओ और एचएएल को हल्का लड़ाकू विमान विकसित करने की स्वीकृति मिली
- 1984: एलसीए का डिजायन तैयार करने को एयरोनॉटिकल डेवलेपमेंट एजेंसी (एडीए) नामक नोडल एजेंसी का गठन किया।
- 1986: एलसीए कार्यक्रम के लिए सरकार ने 575 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया।
- 4 जनवरी, 2001: एलसीए ने पहली उड़ान भरी।
- 2003: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका नाम एलसीए से बदलकर तेजस रखा।
- 2006: पहली बार सुपरसोनिक उड़ान भरी।
- 22 जनवरी, 2009: तेजस ने 1000 उड़ाने पूरी की।
विशेषता -
लंबाई : 13.20 मीटर
डैने : 8.20 मीटर
ऊंचाई : 4.40 मीटर
विंग एरिया : 38.4 वर्ग मीटर
भार : 5680 किलोग्राम
लोडेड भार : 9500 किलोग्राम
अधिकतम भार क्षमता : 13500 किलोग्राम
ईंधन क्षमता : 3000 लीटर (इसके अलावा 800 लीटर के पांच टैंक बाहर से जोड़े जा सकते हैं
गति : 1.8 मैक
रेंज 3000 किलोमीटर