31 रोहिंग्या मुसलमान भारत-बांग्लादेश सीमा की 'नो मैन्स लैंड' में अटके, यह है कारण
भारत से भेजे गए 31 रोहिंग्या मुसलमान पिछले शुक्रवार से भारत-बांग्लादेश सीमा की नो--मैन्स लैंड में फंसे हुए हैं। अवैध रूप से भारत में बसे इन लोगों को बांग्लादेश को सौंप दिया था।
रायरमुरा,एएनआइ। भारत से भेजे गए 31 रोहिंग्या मुसलमान पिछले शुक्रवार से भारत-बांग्लादेश सीमा की 'नो--मैन्स लैंड' में फंसे हुए हैं। पिछले दो सालों से अवैध रूप से भारत में बसे इन रोहिंग्या मुसलमानों को केंद्र सरकार ने सीमा पर विधिवत बांग्लादेश के जवानों को सौंप दिया था, लेकिन अब वह उन्हें अपने देश की सीमा में लेने से इनकार कर रहे हैं। इससे यह अवैध आव्रजक दोनों देशों की सीमाओं के बीच त्रिशंकु बनकर रह गए हैं।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि छह पुरुषों नौ महिलाओं और 16 बच्चों को को बार्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) को हिरासत में ले लिया है। यह सभी पश्चिमी त्रिपुरा जिले में रायरमुरा के बाडे के पीछे हैं। जबकि बीजीबी ने झूठा दावा किया है कि यह रोहिंग्या भारत से आए हैं, लेकिन बीएसएफ ये नहीं मान रही है।
इस संबंध में दोनों पक्ष शनिवार से दो बार मुलाकात कर चुके हैं लेकिन इस मुद्दे को सुलझाने में अब तक नाकाम रहे हैं। बीएसएफ के डीआईजी सीएल बेलवा ने कहा कि यह लोग पिछले 48 घंटे से अंतरराष्ट्रीय सीमा और सीमा के तारों के बीच फंसे हैं। उन्होंने बांग्लादेश की तरफ से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की लेकिन हमने उन्हें रोक दिया।