Ayodhya Case: प्रोफेसर शनमुगम ने मांगी माफी, राजीव धवन को धमकाने का था आरोप
अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को धमकी देने की गलती स्वीकार करते हुए प्रोफेसर ने कोर्ट में माफी मांग ली है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद पर गुरुवार को सुनवाई शुरू हो गई। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को धमकाने का आरोप लगाते हुए तमिलनाडु के प्रोफेसर शनमुगम के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई की गई। प्रोफेसर ने अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग ली। कोर्ट ने कहा कि 88 वर्ष में वे ऐसा क्यों कह रहे हैं। बता दें कि प्रोफेसर ने रामलला के खिलाफ पेश होने पर पत्र लिखकर शाप दिया था।
दरअसल, मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को धमकी भरे पत्र में 88 साल के वृद्ध प्रोफेसर शनमुगम ने 'शाप' दिया था- 'फरवरी 1941 से लेकर अब तक मैं 50 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप कर चुका हूं। सितंबर 1958 से लेकर अब तक 27,000 बार गीता का दसवां अध्याय पढ़ा है। अपनी इसी जीभ से मैं भगवान के काम के रास्ते में अड़चन डालने के लिए आपको श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे, पैर काम करना बंद कर दे और आंखों की रोशनी चली जाए, आपके कान सुनना बंद कर दें।'
उल्लेखनीय है कि बुधवार को कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए समय सीमा तय कर दी थी। इसके अनुसार 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी करने संबंधी अनुमानित तारीखों के आधार पर हम कह सकते हैं कि 18 अक्टूबर तक बहस पूरी हो सकती है। इसके साथ ही अदालत ने पक्षकारों को मध्यस्थता से समझौता करने की छूट दी और कहा कि यह पहले की तरह ही गोपनीय रहेगी। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि सुनवाई लगातार आगे भी जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में अयोध्या मामला दूसरा सबसे अधिक लंबा चलने वाला केस हो सकता है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में अब तक का सबसे लंबा मामला ‘आधार’ का है। तय समय सीमा पर यदि मामले की सुनवाई पूरी होती है तो यह मामला कुल 42 दिनों में खत्म होगा। वहीं आधार मामला चार दिन और चलने वाला है और इसके साथ ही इसकी सुनवाई 38 दिनों में पूरी होगी।