सुषमा स्वराज बहाना, GST पास नहीं होने देना चाहती कांग्रेस: जेटली
मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामें की वजह से कई बिल लटके पड़े हैं जिनमें से एक है जीएसटी। सरकार इस बिल को इसी सत्र में पास करवाना चाहती है। सुषमा स्वराज पर हंगामें के चलते सदन नहीं चल पा रहा है ऐसे में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस
नई दिल्ली। मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामें की वजह से कई बिल लटके पड़े हैं जिनमें से एक है जीएसटी। सरकार इस बिल को इसी सत्र में पास करवाना चाहती है। सुषमा स्वराज पर हंगामें के चलते सदन नहीं चल पा रहा है ऐसे में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि सुषमा स्वराज केवल बहाना है दरअसल कांग्रेस जीएसटी बिल पास नहीं होने देना चाहती।
वित्त मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, 'सुषमा स्वराज जी कांग्रेस के लिए सिर्फ एक बहाना है, जीएसटी बिल पारित ना हो ये कांग्रेस का उद्देश्य है। केवल उनके दो प्रमुख नेता जिद पर अड़े हुए हैं, देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो तो हो।' सुषमा स्वराज को लेकर उनका कहना था कि, 'सुषमा जी पर इस तरह के आरोप लगेंगे किसी ने सोचा भी नहीं था।'
इससे पहले ससंद में हंगामे के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस की तरफ से मल्लीकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वेणुगोपाल राव शामिल हुए वहीं कांग्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया।
सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा से 5 दिन का निलंबन झेलने के बाद कांग्रेस के 25 सांसद फिर से सदन में लौटे और इसके साथ ही फिर से हंगामा शुरू हो गया। आज संसद के मानसून सत्र का 13 वां दिन है और पिछले दिनों की तरह सोमवार को एक बार फिर कांग्रेस सांसद सदन में काली पट्टी बांधकर हाथों में प्लेकार्ड लेकर आए थे। कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेसी सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा शुरू कर दिया।
राज्यसभा में विपक्ष के व्यवहार पर आपत्ति लेते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि अगर सरकार को बालने नहीं दिया जाएगा तो ऐसी स्थिति में सदन कैसे चलेगा। जेटली के भाषण का विरोध करते हुए विपक्षी सांसद सीधे वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लगातार हंगामे के चलते राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा जिसके बाद सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ लोकसभा में स्थिति वैसी ही रही और कांग्रेस सांसद हंगामा करते रहे। इस बीच सदन में अपनी बात रखते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे प्रधानमंत्री की भाषा पर सवाल उठाए। खड़गे ने कहा कि पीएम की भाषा विपक्ष के प्रति अच्छी नहीं है। इस बीच विपक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव भी रखा लेकिन लोकसभा स्पीकर ने सभी नोटिसों से असहमति जाता दी। हंगामें की वजह से लोकसभा भी 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
मालूम हो कि ललित मोदी मामले को लेकर कांग्रेस सांसदों के हंगामें के चलते स्पीकर ने कांग्रेस के 25 सांसदों को 5 दिन के लिए निलंबित कर दिया था। उनके निलंबन अवधि अब खत्म हो गई है और आज से यह सभी सांसद सदन की कार्रवाई में हिस्सा ले रहे हैं।
21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में अभी तक कांग्रेस के विरोध के फलस्वरूप कोई काम नहीं हो सका है। तब से लेकर अब तक संसद लगातार हर रोज स्थगित हो रही है। अब इस सत्र के सिर्फ तीन दिन ही शेष रह गए हैं। वहीं आज लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पेश किया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने विभिन्न पार्टियों से समर्थन मांगा है।
इस बीच मानसून सत्र का अंतिम सप्ताह में भी सरकार व विपक्ष के टकराव की भेंट चढ़ना तय है। लोकसभा में अपने सांसदों की वापसी के बाद भी काग्रेस के तेवर नरम नहीं पड़ें हैं। सत्र के बाकी बचे दिनों में भी कांग्रेस के विरोध की रणनीति जारी रहेगी। हालांकि इसको लेकर पार्टी सांसदों में मतभेद भी उभरकर सामने आ रहा है।
वहीं कांग्रेस ने मानसून सत्र के बाद अपनी ताकत को जमीनी लड़ाई में तौलने की तैयारी भी शुरू कर दी है। सरकार को घेरने और विरोध की राजनीति को लेकर जनता में फैले भ्रम को दूर करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी कई राज्यों के दौरे पर जा सकते हैं।