Vande Bharat Mission: दो विमानों से कुवैत से इंदौर पहुंचे 240 यात्री, 10 चार्टर्ड बसों से भोपाल भेजा
इंदौर विमानतल निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि पहली उड़ान बुधवार रात 815 बजे और दूसरी उड़ान रात 10 बजे इंदौर पहुंची।
इंदौर, जेएनएन। केंद्र सरकार के 'वंदे भारत' मिशन के तहत इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर बुधवार रात दो यात्री विमान उतरे। इनमें कुल 240 यात्री कुवैत से इंदौर आए। जांच के बाद उन्हें 10 चार्टर्ड बसों से भोपाल भेजा गया। जहां वे अगले 14 दिन तक सेना के ईएमई सेंटर में क्वारंटाइन रहेंगे।
इंदौर विमानतल निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि पहली उड़ान बुधवार रात 8:15 बजे और दूसरी उड़ान रात 10 बजे इंदौर पहुंची। दोनों ही विमान कुवैत एयरवेज के थे। हमने इसके लिए तैयारी कर ली थी। यात्रियों के आने के बाद उनके सामान को सैनिटाइज किया गया। इसके बाद उसे टर्मिनल में लाया गया। यात्रियों के विमान से उतरने के बाद एयरोब्रिज में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी स्क्रीनिंग की। फिर यात्री कस्टम और इमिग्रेशन की जांच के बाद लॉबी में पहुंचे। वहां उन्हें एक जगह बैठाया गया। प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई 10 चार्टर्ड बसों से यात्रियों को भोपाल रवाना किया।
14 दिन बाद जा सकेंगे घर
जानकारी के अनुसार सभी यात्रियों को भोपाल में आर्मी के ईएमई सेंटर में 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके बाद इन्हें घर भेजा जाएगा। इनमें मध्य प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के भी यात्री शामिल हैं। ये यात्री कुवैत में फंसे हुए थे। इनके वीसा की अवधि भी खत्म हो गई थी। इसलिए इन्हें वहां से वापस भारत भेजा गया है।
23 मार्च को रात में दुबई से आई थी अंतिम उड़ान
गौरतलब है कि 23 मार्च को दुबई से रात साढ़े बारह बजे इंदौर आई फ्लाइट के यात्रियों के लिए भी इसी तरह स्क्रीनिंग की गई थी। तभी अंतिम बार इस विमानतल के रनवे पर विमान के उतरने के लिए अंतिम बार रोशनी हुई थी। 50 दिन बाद बुधवार को रनवे रोशन हुआ। लॉकडाउन की अवधि में विमानतल पर कार्गो विमानों का परिचालन दिन में ही किया गया, इसलिए रनवे पर रोशनी करने की जरूरत नहीं पड़ी थी।