नई दिल्ली, एएनआइ। रेलवे के निजीकरण की तैयारी शुरु हो गई है। पीएसयू सहित कुल 23 कंपनियों ने देश में निजी ट्रेनों के संचालन में रुचि दिखाई, दरअसल, कुछ कंपनियों ने उन्होंने बुधवार को रेल मंत्रालय द्वारा आयोजित यात्री ट्रेनों परियोजना में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए दूसरे पूर्व-अनुप्रयोग सम्मेलन में भाग लिया।
प्रतिभागियों में एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड (लिमिटेड), बीईएमएल, भारत फोर्ज, बीएचईएल, बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन इंडिया, सीएएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गेटवे रेल, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, हिंद रेक्टीफायर्स लिमिटेड, आई-बोर्ड इंडिया लिमिटेड, आईआरसीटीसी लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया । इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जसन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मेधा, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड, पीएसजीजी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, आरके एसोसिएट्स एंड होटलियर्स प्राइवेट लिमिटेड, सीमेंस लिमिटेड , स्टरलाइट पावर और टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड शामिल हैं।
बैठक में, रेलवे बोर्ड के सदस्यों ने एनआईटीआई अयोग के अधिकारियों के साथ प्री-बिड मीटिंग के दौरान निजी खिलाड़ियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर दिया।
रेल मंत्रालय (MoR) ने एक प्रेस नोट में कहा कि पैसेंजर ट्रेन परिचालनों में निजी भागीदारी के लिए परियोजना आधुनिक प्रौद्योगिकी रोलिंग स्टॉक की शुरूआत के माध्यम से पारगमन समय और आपूर्ति-मांग के घाटे को कम करते हुए सेवा की गुणवत्ता में काफी वृद्धि करके यात्री अनुभव में एक बदलाव लाएगी।ये परियोजना जनता के लिए परिवहन सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ाएगी।
भारतीय रेलवे ने कहा कि परियोजना को शुरू करने के लिए निजी भागीदारों का चयन दो चरणों में किया जाएगा। इस प्रक्रिया में जिसमें अनुरोध के लिए अर्हता (RFQ) और अनुरोध के लिए प्रस्ताव (RFP) शामिल हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे के निजीकरण के लिए र्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के कर्मचारियों ने रैली निकालकर विरोध जताया प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि कि केंद्र में सत्तासीन सरकार रेलवे का निजीकरण कर देश में बेरोजगारी ला रही है।
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