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मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अवैध घुसपैठ में गिरावट, 21 हजार वापस भेजे गए बांग्लादेश

लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में पिछले पांच साल में घुसपैठियों के पकड़े जाने और उन्हें वापस भेजने के आंकड़े पेश किये।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 09:22 PM (IST)
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अवैध घुसपैठ में गिरावट, 21 हजार वापस भेजे गए बांग्लादेश
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अवैध घुसपैठ में गिरावट, 21 हजार वापस भेजे गए बांग्लादेश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश से घुसपैठ के मामलों में बड़ी गिरावट आई है। वहीं सरकार बड़ी संख्या में घुसपैठियों को बांग्लादेश में वापस भेजने में सफल रही है। लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में पिछले पांच साल में घुसपैठियों के पकड़े जाने और उन्हें वापस भेजने के आंकड़े पेश किये। नित्यानंद राय के अनुसार बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ को कम करने के लिए बहुआयामी उपाय किये हैं, जिसके कारण घुसपैठ में कमी आ रही है।

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लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार 2015 से 2019 के बीच पांच सालों में कुल 9,145 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं इसी दौरान कुल 21,348 घुसपैठियों को वापस बांग्लादेश भेजा गया। ये दोनों आंकड़े बांग्लादेश की सीमा से घुसपैठ में कमी आने के संकेत देते हैं। 2015 में कुल 3426 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया था और 5930 घुसपैठियों को वापस भेजा गया।

2016 में घुसपैठ करते समय पकड़े जाने वाले और वापस भेजे जाने वाले घुसपैठियों की संख्या क्रमश) 2075 और 5147 हो गई। जो धीरे-धीरे घटकर 2019 में क्रमश: 1351 और 2175 रह गई। नित्यानंद राय के अनुसार घुसपैठ को रोकने में यह सफलता सरकार द्वारा सीमा की निगरानी की बहुस्तरीय व बहुआयामी पद्धति अपनाने के कारण मिली है।

इसके तहत सीमा पर होने वाली हरकतों की 24 घंटे के निगरानी के साथ-साथ लगातार पेट्रोलिंग शामिल है। इस दौरान सीमा पर निगरानी पोस्ट की संख्या बढ़ाई गई है, साथ ही रात में घुसपैठ की आशंका वाले स्थानों पर फ्लड लाइट भी लगाए जा रहे हैं। वहीं राज्य सरकारों के सहयोग से खुफिया तंत्र को भी मजबूत किया गया है। जिन-जिन स्थानों पर बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां सेंसर लगाने के साथ-साथ नाइट विजन कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही रडार की मदद ली जा रही है। एक परिष्कृत कमांड व कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से इस पर नजर रखा जा रहा है।


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