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नक्कारखाना सहित 21 स्मारक राष्ट्रीय महत्व के स्थल होंगे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने किया चिह्नित

राष्ट्रीय महत्व की सूची के लिए केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख के भी चार स्थलों और स्मारकों का चयन किया गया है। मौजूदा समय में देश में राष्ट्रीय महत्व के करीब 37 सौ स्थल और स्मारक हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 09:19 PM (IST)
नक्कारखाना सहित 21 स्मारक राष्ट्रीय महत्व के स्थल होंगे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने किया चिह्नित
इन सभी स्मारकों का होगा जीर्णोद्धार, इनमें उत्तर प्रदेश के कुल चार स्थल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के राष्ट्रीय महत्व के स्थलों को चिह्नित करने और उनके संरक्षण में लगातार जुटी केंद्र सरकार ने 21 और स्थलों और स्मारकों को इस सूची में शामिल करने के लिए चुना है। इनमें उत्तर प्रदेश के चार स्थल और स्मारक भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के जिन स्थलों और स्मारकों को इसके लिए चुना गया है, उनमें लखनऊ का नक्कारखाना, चित्रकूट के गणेश बाग स्थित पुरातात्विक स्थल, तालाब, होदी और बाबड़ी हैं। इसके साथ ही बस्ती जिले के सिसवानिया स्थित पुरातात्विक स्थल, आगरा के फतेहपुर सीकरी स्थित शिक्षा चित्रकारी समूह को इसके लिए चुना गया है।

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संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय महत्व के पुरातात्विक स्थलों व स्मारकों को लेकर संसद को दी गई जानकारी में यह ब्योरा दिया है। साथ ही कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) लगातार ऐसे स्थलों की पहचान करने का काम करता है। इन नए 21 स्थलों का चयन भी इसी प्रक्रिया के तहत किया गया है। खास बात यह है कि राष्ट्रीय महत्व की सूची के लिए केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख के भी चार स्थलों और स्मारकों का चयन किया गया है। इनमें लेह के रदनांग का शिला कला स्थल मुरगी, सासपोल की प्राचीन गुफाएं, न्यारमा के प्राचीन बौद्ध संस्थान अवशेष व पवित्र झील (स्लोब फान रसो) के चारों ओर संलग्न अवशेष और त्रिशेर स्पूत शामिल हैं। इस सूची में झारखंड के गुमला जिले के दोइसा नगर स्थित मृदभांड ईटों का मंदिर और हजारीबाग जिला के आइस्को स्थित शिला चित्रकारी को शामिल किया गया है। वहीं, उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के गांव संयुराकट स्थित प्राचीन नौला व केंद्रीय संरक्षित स्मारक कुबरे मंदिर के साथ स्थित चार मंदिर भी चयनित किए गए हैं। हरियाणा के राखीगढ़ी स्थित प्राचीन टीला छह और सात, हिमाचल के कांगड़ा जिला के कलेसर स्थित कलेश्वर महादेव मंदिर भी सूची में शामिल हैं।

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, पुरातात्विक महत्व के इन सभी स्थलों के जीर्णोद्धार का काम जल्द ही शुरू होगा। इसका विस्तृत ब्योरा मांगा गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय महत्व के देश के दूसरे स्थलों का संरक्षण भी किया जाएगा। मौजूदा समय में देश में राष्ट्रीय महत्व के करीब 37 सौ स्थल हैं। यह सभी एएसआइ की ओर से संरक्षित हैं। गौरतलब है कि देशभर में एक मुहिम के तहत बिखरे पुरातात्विक महत्व के स्थलों और स्मारकों का पता लगाने का काम लगातार चल रहा है।


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