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तिरुमला मंदिर में चढ़ाए दो किलो वजन वाले सोने के 20 बिस्कुट

आंध्र प्रदेश की तिरुमला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में एक श्रद्धालु ने सोने के 20 बिस्कुट बतौर चढ़ावा भेंट किए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 09:40 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 09:40 AM (IST)
तिरुमला मंदिर में चढ़ाए दो किलो वजन वाले सोने के 20 बिस्कुट
तिरुमला मंदिर में चढ़ाए दो किलो वजन वाले सोने के 20 बिस्कुट

तिरुपति, प्रेट्र। आंध्र प्रदेश की तिरुमला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में एक श्रद्धालु ने सोने के 20 बिस्कुट बतौर चढ़ावा भेंट किए। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने बताया कि दान किए गए बिस्कुटों का वजन दो किलोग्राम है। शनिवार को जब दिन के चढ़ावे का हिसाब हो रहा था तो हुंडी (दान पात्र) से सोने के 20 बिस्कुट निकले। भगवान वेंकटेश्वर के इस प्रचीन मंदिर का रखरखाव टीटीडी करता है। सिंघल ने बताया कि 11 जून से मंदिर के दोबारा खुलने के बाद से करीब एक महीने के भीतर 16.7 करोड़ रुपये की नकदी बतौर दान प्राप्त हुई है। इस दौरान करीब 2.5 लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने वाले 67,000 श्रद्धालु विभिन्न कारणों से पूजा करने नहीं पहुंचे। इनमें कोरोना संक्रमण भी महत्वपूर्ण कारक रहा।बता दें कि टीटीडी के कर्मचारियों की कोरोना जांच की जा रही है। अब तक 3,569 कर्मचारियों की जांच हो चुकी है, जिनमें 91 संक्रमित पाए गए हैं।

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तिरुमला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 11 जून से खोल दिया गया, लेकिन हर रोज श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रहेगी। कोरोना वायरस महामारी के कारण 80 दिनों से ज्यादा समय तक यहां दर्शन बंद रखा गया था। प्राचीन तीर्थस्थल की देखरेख करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने बताया कि रोजाना केवल 6000 श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी और कोविड-19 के सतर्कता का पालन किया जाएगा। दर्शन के दौरान एक दूसरे से छह फीट की दूरी का पालन और मास्क पहनने का कड़ाई से पालन किया जाएगा। 

तिरुमला में टीटीडी के चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी, कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल और अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी एवी धर्मा रेड्डी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 20 मार्च से मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लागू प्रतिबंध 11 जून से हटा लिया गया। रोजाना 13 घंटे के लिए हर घंटे 500 से कम श्रद्धालुओं को अनुमति दी जाएगी। 10 साल के कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग को तीर्थस्थल में अनुमति नहीं दी गई। श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने से पहले टीटीडी सदस्य उनकी ट्रैवल हिस्ट्री देखेंगे और कोविड-19 की जांच करेंगे। 


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