पुलवामा हमले के दो साल, आज भी सरकारी मदद का राह देख रहा शहीद का परिवार
14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला किया था।
जबलपुर, एएनआइ। पुलवामा आतंकी हमले के दो साल पूरे हो गए हैं। 2019 में हुए इस आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों ने बलिदान दिया था। उनमें से एक मध्य प्रदेश के रहने वाले अश्विनी काछी भी शामिल थे, जिनका परिवार आज भी सरकार द्वारा किए गए अधूरे वदों के पूरा होने का इंतजार कर रहा है।
जबलपुर के खुडवाल गांव के निवासी और अश्विनी कच्छी के पिता सुकुरू काछी ने एएनआई को बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने परिवार से किए गए वादों को पूरे नहीं किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक घर देने की घोषणा की थी। उन्होंने अश्विनी के नाम पर स्टेडियम बनाने और का भी वादा किया था। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ रुपये को छोड़कर हमें कुछ नहीं मिला।
अश्विनी काछी की मां कौशल्या ने कहा कि सरकार अगर अपने वादों को पूरा नहीं कर सकती तो उसे ये वादे नहीं करने चाहिए। अपने वादे नहीं निभाने चाहिए। न तो सरकार ने हमें घर दिया और न ही हमारे बच्चों को सरकारी नौकरी दी है। यह अन्याय है।
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद तब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ट्वीट में कहा था, 'शहादत को श्रद्धांजलि। मैं पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जबलपुर के बेटे अश्विनी कुमार काछी की शहादत पर श्रद्धांजलि देता हूं। मध्य प्रदेश सरकार उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये, एक घर और एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करेगी। दुःख की इस घड़ी में हम इस शहीद के परिवार के साथ खड़े हैं।
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर 14 फरवरी, 2019 को हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले के दिन सीआरपीएफ के काफिले में 78 वाहन थे। उनमें से पांचवें नंबर की बस को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने निशाना बनाया था और जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर विस्फोटक से लदा वाहन बस के पास उड़ा दिया। इस घटना के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला किया था।